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राजधानी में निजी स्कूलों की मनमानी, अभिभावकों पर 30 मार्च से पहले फीस जमा करवाने का दबाव

निजी स्कूल अभिभावकों पर 30 मार्च तक फ़ीस जमा करवाने का दवाब बना रहे है. इसके चलते अब छात्र अभिभावक मंच ने इस बाबत शिक्षा विभाग को भी अवगत करवाया है.

Private school pressure on parents to deposit fees
अभिभावकों पर फीस जमा करने का निजी स्कूल का दबाव

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Published : Mar 25, 2020, 9:59 PM IST

शिमला:देश को 15 अप्रैल तक लॉक डाउन कर दिया गया है. हिमाचल में कर्फ्यू लगा दिया गया है. ऐसे समय में भी निजी स्कूल अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे है. अभी भी जब स्कूलों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है तो ऐसे में अब निजी स्कूल अभिभावकों पर 30 मार्च तक फ़ीस जमा करवाने का दवाब बना रहे है.

इसके चलते अब छात्र अभिभावक मंच ने इस बाबत शिक्षा विभाग को भी अवगत करवाया है. मंच ने हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव व निदेशक उच्चतर शिक्षा से मांग की है कि कोविड-19 के चलते हुए प्रदेशव्यापी लॉक डाउन व कर्फ्यू के मध्यनजर प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस जमा करने की 30 मार्च की निर्धारित तारीख को स्थिति के सामान्य होने तक बढ़ाया जाए.

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मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन व कर्फ्यू घोषित कर रखा है, लेकिन प्राइवेट स्कूल किसी भी हालत में 30 मार्च से पहले फीस जमा करवाने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे है.

कोरोना महामारी के कारण ट्रैफिक पूरी तरह जाम है. ज्यादातर अभिभावक बच्चों के साथ अपने-अपने गांवों को निकल चुके है. ऐसी परिस्थिति में भी प्राइवेट स्कूलों के फीस को 30 मार्च से पहले जमा करवाने का फरमान पूरी तरह सरकार के आदेशों की अवहेलना है.

इस दौरान जब गाड़ियां ही नहीं चलेंगी तो अभिभावक किस तरह बैंकों तक पहुंच कर यह फीस जमा करवाएंगे. मंच का कहना है कि प्राइवेट स्कूल फीस जमा करने के लिए अभिभावकों को बाध्य कर रहे है. इससे साफ सपष्ट हो रहा है कि इस संकट की घड़ी में भी निजी स्कूल मात्र अपना मुनाफा ही देख रहे है. प्राइवेट स्कूल अपनी तानाशाही से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग को प्राइवेट स्कूलों की इस तानाशाही पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए.

विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि वैसे भी प्राइवेट स्कूल निदेशक उच्चतर शिक्षा की ओर से जारी 5 दिसंबर 2019, 18 जनवरी और 12 मार्च 2020 के आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं. इसके अनुसार इस वर्ष फीस के निर्धारण से पहले सभी स्कूलों में मार्च में जनरल हाउस अनिवार्य किया गया था. प्राइवेट स्कूल इन आदेशों को लागू किए बिना ही आनन-फानन में गुपचुप तरीके से फीस बढ़ोतरी करके इन फीसों को 30 मार्च तक वसूलना चाहते हैं, ताकि फीस बढ़ोतरी की ओर अभिभावकों, शिक्षा विभाग, प्रशासन व सरकार का ध्यान न जा पाए.

प्राइवेट स्कूल महामारी के समय को भी मुनाफाखोरी में परिवर्तित करना चाहते है. मंच संयोजक विजेंद्र मेहरा ने उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक शिमला से मांग की है कि जब तक महामारी की स्थिति सामान्य न हो, तब तक जो भी स्कूल फीस वसूलने के लिए अभिभावकों से जोर-जबरदस्ती करते हैं उनके प्रबंधन के खिलाफ कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई अमल में लायी जाए.

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