शिमला:राजधानी शिमला में निजी स्कूलों में बच्चों को स्कूल लाने और छोड़ने का काम निजी बस ऑपरेटर्स ही करेंगे. अब केवल इस पर उपायुक्त की मंजूरी की मोहर लगना बाकी है. कौन सा निजी ऑपरेटर्स शिमला के निजी स्कूलों को अपनी बस सेवा प्रदान करेगा इस पर भी अंतिम मोहर लग चुकी है. अब इन बसों के किराए पर प्रशासन की ओर से अंतिम मोहर लगाई जानी है, लेकिन यह तय है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से अभिभावकों को ज्यादा किराया अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए देना होगा. प्रशासन के पास तीन निजी बस ऑपरेटर्स के आवेदन आए थे जिसमें से एक को मंजूरी दे दी गई है.
अब प्रशासन का कहना है कि भले ही निजी बस ऑपरेटर्स को निजी स्कूलों में बस सेवा मुहैया करवाने को लेकर मंजूरी दी गई है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी. बच्चों की सुरक्षा ही प्राथमिकता है और इसके लिए निजी ऑपरेटर्स को भी सभी नियमों को पूरा करना होगा. निजी ऑपरेटर्स जो बसें निजी स्कूलों को मुहैया करवाएंगे उनका रंग पीला होगा. बस में एक महिला अटेंडेंट का होना अनिवार्य होगा. बस में सीटीटीवी कैमरा का प्रावधान होगा. इसके साथ ही कितने बच्चों को बस में बिठाया जाना है यह भी तय किया गया है और उस नियम का पालन भी निजी बस ऑपरेटर्स को करना होगा.
वहीं, यह भी नजर रखी जाएगी की यह बसें जिस उद्देश्य यानी स्कूलों को सेवाएं देने के लिए लगाई गई हैं तो वह उन्हीं के लिए लगाई जाए और किसी अन्य रूट पर स्कूल टाइमिंग के बाद या बीच ने यह बसें इस्तेमाल में ना लाई जाए यह भी इन बस ऑपरेटर्स के साथ तय किया जाएगा. बस की स्पीड, कब बस बनी है, ड्राइवर, कंडक्टर सही है या नहीं यह सब भी जांचा जाएगा.