शिमला: हिमाचल प्रदेश की जेलों में उत्पादित उत्पादों को हिमकारा ब्रांड के नाम से हिमकारा स्टोर के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है, जिसे कि भारत सरकार के व्यापार चिन्ह अधिनियम 1999 के तहत 'हिमकारा' नाम से अप्रैल 2019 में रजिस्टर किया गया है.
जेल निर्मित कुछ उत्पाद जैम पोर्टल पर भी उपलब्ध करवाए गए हैं. हिमाचल प्रदेश की जेलों में निर्मित शॉल, मफलर, कोट पट्टी आदि उत्पादों को भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ टैक्सटाइल द्वारा 'हैंडलूम मार्क' भी प्रदान किया गया है. विभाग द्वारा चलाई जा रही इन कल्याणकारी योजनाओं के कारण वर्ष 2017-18 में तीन करोड़ 24 लाख रुपये का टर्नओवर प्राप्त हुआ है.
वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 19 लाख रुपये की मजदूरी
वर्ष 2018-19 में तीन करोड़ 58 लाख रुपये का टर्नओवर और वर्ष 2019-20 में चार करोड़ 68 लाख रुपये का टर्नओवर प्राप्त हुआ है. वर्ष 2018-19 में एक करोड़ 19 लाख रुपये की मजदूरी, जबकि वर्ष 2019-20 में एक करोड़ 48 लाख रुपये की मजदूरी दी गई. 'हर हाथ को काम' परियोजना के तहत विभाग मुक्त कारागार कैदियों को जेलों की परिधि से बाहर निजी उद्यमों में काम करने की अनुमति देकर उनके लिए नौकरी/कार्य प्राप्त करने की सुविधा भी दे रहा है.
वर्तमान में इस परियोजना के तहत 04 महिलाओं सहित 146 कैदी मजदूरी अर्जित कर रहे हैं. बंदियों को शिक्षित करने के उद्देश्य से जेलों में इग्नु सेंटर खोले गए हैं. वर्ष 2017-18 में 106 कैदियों ने शिक्षा हासिल की, जिनमें से 85 ने जमा दो, 18 ने स्नातक और 03 ने स्नातकोत्तर में शिक्षा अर्जित की.