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हर जिला में वृद्धाश्रम न बनाने पर प्रधान सचिव हाईकोर्ट में तलब, 5 दिसंबर को पेश होने के आदेश - संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (भारत) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 में आयोजित जनगणना में हिमाचल प्रदेश उच्चतम वरिष्ठ नागरिक श्रेणी में देश का चौथा राज्य है. ऐसे बुजुर्ग जिनकी आयु 60 वर्ष और उससे अधिक है, वो राज्य की कुल जनसंख्या का 10.2 फीसदी हैं

principal secretary summoned in High Court for not making old age home in himachal
हिमाचल हाईकोर्ट.

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Published : Nov 28, 2019, 9:29 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के हर जिले में वृद्धाश्रम न बनाने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. अदालत ने सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के प्रधान सचिव को 5 दिसंबर को तलब किया है. प्रधान सचिव को हाईकोर्ट के समक्ष पेश होकर सफाई देनी पड़ेगी.

हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार की लचर कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता जताई है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल.नारायण स्वामी व न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने चिंता जताते हुए कहा कि ऐसे संवेदनशील मामलों में राज्य सरकार के अफसरों को लचर रवैया नहीं अपनाना चाहिए.

खंडपीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिए कि वो शपथपत्र के माध्यम से बताए कि हिमाचल प्रदेश में बुजुर्गों की संख्या कितनी है व उनके लिए कितने आश्रमों की जरूरत है. अदालत ने राज्य सरकार को यह बताने के भी आदेश दिए कि राज्य के सभी जिलों में वृद्ध आश्रम बनाए जाने को लेकर वो क्या कदम उठा रही है. इसी मामले में अदालत में जानकारी दी गई कि राज्य में सात लाख बुजुर्ग हैं, जिनकी आयु साठ साल से अधिक है.

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (भारत) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2011 में आयोजित जनगणना में हिमाचल प्रदेश उच्चतम वरिष्ठ नागरिक श्रेणी में देश का चौथा राज्य है. ऐसे बुजुर्ग जिनकी आयु 60 वर्ष और उससे अधिक है, वो राज्य की कुल जनसंख्या का 10.2 फीसदी हैं. वहीं, इसी संदर्भ में राष्ट्रीय औसत 8.6 फीसदी से अधिक है. इस मामले में याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई है कि राज्य सरकार को आदेश दिए जाएं कि प्रदेश में वृद्धाश्रम, डे केयर सेंटर व हैल्प लाईन की पर्याप्त सुविधा मिलनी चाहिए

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