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शिमला शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किए कामों की जांच करेगी सरकार: MLA हरीश जनारथा - MC Shimla Elections

शिमला में स्मार्ट सिटी के कामों की जांच करने की बात शिमला शहरी विधायक हरीश जनारथा ने कही है. MLA हरीश जनारथा ने कई आरोपी बीजेपी पर लगाए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

MLA Harish Janartha in Shimla
शिमला में शहरी विधायक हरीश जनारथा की प्रेस वार्ता

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Published : Apr 25, 2023, 3:18 PM IST

शिमला में शहरी विधायक हरीश जनारथा की प्रेस वार्ता

शिमला:शहरी विधायक हरीश जनारथा ने कहा है कि शिमला में स्मार्ट सिटी के तहत किए गए कामों की जांच की जाएगी. अगर कोई गलतियां पाई गईं तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी. शिमला में एक प्रेस कांफ्रेंस में हरीश जनारथा ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किए गए कई कामों की लागत अनावश्यक तौर पर बढ़ाई गई है. यही नहीं कई कामों के लिए टेंडर ही नहीं किए गए. उन्होंने कहा कि कई जगह पुराने डंगों के बाहर नए डंगे लगा दिए गए, जिससे इनकी लागत कई गुणा अधिक बढ़ गई. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जाएगी और ऐसा करने वालों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा ने कहा है कि बीजेपी शहर में 6500 करोड़ रुपये के कार्य स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होने की बात कर रही है, लेकिन यह पैसा कहां गया. इसका कोई पता नहीं है. इसके तहत शहरवासियों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए थी वो नहीं मिली.

'पानी के रेट 10 फीसदी हर सार बढ़ाने को लेकर कर रखा है एग्रीमेंट': विधायक जनारथा ने बीजेपी के शिमला शहर के लिए जारी दृष्टिपत्र को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोगों को मूर्ख बनाने के लिए यह घोषणा पत्र लाया है, जबकि शहर की जनता प्रबुद्ध है. उन्होंने कहा कि बीजेपी घोषणा पत्र में 40 हजार लीटर निशुल्क पानी देने का वादा कर रही है, जबकि पूर्व की बीजेपी सरकार और नगर निगम ने एसजेपीएनएल के माध्यम से विश्व बैंक के माध्यम से जो पानी को लेकर एग्रीमेंट किया है, उसमें हर साल 10 फीसदी पानी के रेट बढ़ाने की शर्त है. नगर निगम विश्व बैंक के साथ किए एग्रीमेंट को एक तरफा नहीं तोड़ सकता. ऐसे में लोगों को बेवकूफ बनाने का काम बीजेपी ने किया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस बारे में विश्व बैंक के साथ बातचीत करेगी और जो भी संभव होगा वो किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नगर निगम में आकर शहर में पानी की समस्या को दूर करने के लिए कदम उठाएगी.

विधायक ने अन्य घोषणाओं पर भी उठाए सवाल: विधायक हरीश जनारथा ने कहा कि बीजेपी एक टैक्स की बात कर रही है, जबकि यह पॉलिसी का मामला है, जो कि उनकी यह सरकार देखेगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में केयूनिट एरिया मेथड को छेड़ने के लोगों को और दिक्कतें होंगी. उन्होंने कहा कि इसमें आ रही दिक्कतों को कांग्रेस सरकार दूर करेगी. बेघर लोगों के लिए बीजेपी ने दो बिस्वा की जमीन देने का वादा किया है, लेकिन वह इसके लिए कहां से जमीन देगी. शहर में वन विभाग की जमीन है.

उन्होंने कहा कि भाजपा के पांच सालों में कई प्रोजेक्ट वन मंजूरी में फंसे रहे, इसी तरह खतरनाक पेड़ काटने के वादा किया गया है, लेकिन पूर्व के नगर निगम के में चिन्हित खतरनाक पेड़ों को आज तक काटा नहीं गया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व बीजेपी सरकार ने शहर में नए बिजली के मीटर लगाए, जिनके ज्यादा बिल आने की सैंकड़ों शिकायतें आ रही हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व बीजेपी शासित नगर निगम ने दुकानों की लाइसेंस फीस बढ़ाई है और इसको लेकर लोगों की कई आपत्तियां हैं. अब इनको लेकर भी झूठे वादे कर रही है.

'2017 के पुराने वादे नए घोषणा पत्र में बीजेपी ने डाले':स्थानीय विधायक ने कहा कि 2017 के चुनाव के समय में किए गए चुनावी वादों को बीजेपी की राज्य सरकार और इसकी पार्टी का नगर निगम पूरा नहीं कर पाया और फिर से वही वादे लेकर चुनावी में आ रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने दाड़नी के बगीचे में सब्जी मंडी और अनाज मंडी की बात अपने दृष्टिपत्र में की है, जबकि इसकी पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र सिंह की सरकार के समय में इसकी आधारशिला रखी गई थी. पांच सालों में इस काम को पूरा नहीं किया गया. अब बिना सरकार को इस काम को बीजेपी कैसे कर पाएगी. उन्होंने कहा कि यह काम राज्य सरकार के बिना नहीं किया जा सकता. ऐसे में उनकी सरकार ही इन प्रोजेक्टों को सिरे चढ़ाएगी.

'कूड़े के 50 फीसदी माफी की बात जुमला': हरीश जनारथा ने कहा कि बीजेपी नगर निगम में आने पर 50 फीसदी कूड़े के बिल माफ करने का वादा कर रही है जो कि जुमला है. उन्होंने कहा कि कोविड काल में लोगों के कूड़े के बिल माफ नहीं किया. पूर्व जयराम सरकार ने नगर निगम को कूड़े के बिल माफ करने के लिए फंड देने का वादा किया था, लेकिन नगर निगम को नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बीजेपी शासित नगर निगम ने कूड़े का काम देख रही सैहब सोसायटी को भी घाटे में डाल दिया है. इससे नगर निगम के अन्य कर्मचारियों की सैलरी दी जा रही है. जबकि खुद सैहब सोसायटी बीजेपी के समय में घाटे में चली गई है. उन्होंने कहा कि शहर में शौचालयों की हालात पूर्व बीजेपी शासित नगर निगम के समय में बदतर हुई है. जनारथा ने कहा कि बीजेपी झूठा घोषणा पत्र लेकर चुनाव में आई है, लेकिन शहर की जनता यह सब जानती है. इसका जवाब बीजेपी को शहर की प्रबुद्ध जनता देगी.

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