शिमला:माना जाता है कि कांग्रेस को चुनाव आम जनता नहीं, बल्कि कांग्रेसी ही हरा देते हैं. राजधानी शिमला में पूर्व मंत्री जीएस बाली का पोस्टर फाड़कर स्याही पोतने की बात हो या फिर प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा से ताल्लुख रखने वाले बाली के यहां पोस्टर फाड़कर कांग्रेस में उनका कद बताने की कोशिश हो. वहीं, अब मंडी में पोस्टर फाड़ तस्वीर का सामने आना यह समझने के लिए काफी है कि इस वक्त कांग्रेस, सत्ताधारी भाजपा से लड़ने की स्थिति में नहीं है. कांग्रेस में वजूद की लड़ाई चरम पर है. जानकारों का मानना है कि कांग्रेस को अगर मिशन 2022 में भाजपा को टक्कर देना है तो उसे जल्द पहले अपने घर की लड़ाई को सुलझाना होगा, क्योंकि जितनी लंबी लड़ाई कांग्रेस के अंदर चलेगी उतना बड़ा नुकसान विधानसभा चुनाव में नजर आएगा.
होर्डिंग से कांग्रेस में बवाल
दरअसल राहत अभियान के तहत लगाए गए होर्डिंग से कांग्रेस में बवाल मच गया है. इससे पहले शिमला में पूर्व कैबिनेट मंत्री जीएस बाली की फोटो फाड़कर स्याही पोतने और फिर कांगड़ा में पोस्टर फाड़ने का मामला सामने आया था. अब मंडी में भी पोस्टर फाड़ने का मामला सामने आ गया. कांग्रेस यहां निगम चुनावों में करारी हार के बाद मजबूत होने की दिशा में काम कर रही है. इस तरह के पोस्टर वार को देखकर कांग्रेस का जल्द मजबूती के साथ खड़ा होना मुश्किल लगता है.
झंडी को लेकर भी एकमत नहीं