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बदलेगा रिवाज या फिर कांग्रेस को मिलेगा ताज, आज ईवीएम में कैद हो जाएगा राज - Himachal election 2022

हिमाचल में सत्ता का सिंहासन किसके सिर पर सजेगा, ये राज शनिवार को ईवीएम में कैद हो (Himachal election 2022) जाएगा. पहाड़ पर इस बार सियासत का रिवाज बदलेगा या फिर कांग्रेस को ताज मिलेगा, ये राज शनिवार को मतदाताओं की अंगुली से ईवीएम में पहुंच जाएगा. प्रदेश में अकसर मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में ही होता आया है. इस बार का चुनाव दोनों पार्टियों के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal election 2022
Himachal election 2022

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Published : Nov 11, 2022, 9:25 PM IST

Updated : Nov 12, 2022, 6:12 AM IST

शिमला: हिमाचल में सत्ता का सिंहासन किसके सिर पर सजेगा, ये राज शनिवार को ईवीएम में कैद हो (Himachal election 2022) जाएगा. पहाड़ पर इस बार सियासत का रिवाज बदलेगा या फिर कांग्रेस को ताज मिलेगा, ये राज शनिवार को मतदाताओं की अंगुली से ईवीएम में पहुंच जाएगा। प्रदेश में अकसर मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में ही होता आया है. इस बार भाजपा ने जयराम ठाकुर को सीएम फेस बनाया है. पूर्व में 2017 में प्रेम कुमार धूमल के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया था, लेकिन वे सुजानपुर से चुनाव हार गए थे.(Himachal voting 2022).

प्रदेश में 2017 में कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था. वीरभद्र सिंह अपनी सीट जीत गए, लेकिन कांग्रेस को सत्ता में नहीं ला पाए थे. फिलहाल, इस चुनाव में सबकी नजर रिवाज व ताज पर टिकी है. भाजपा ने जोर-शोर से दावा किया कि वो मिशन रिपीट को सफल करेगी और प्रदेश में पांच साल बाद सत्ता बदल जाने वाले रिवाज को खत्म कर नया रिवाज बनाएगी. भाजपा के घोषणा पत्र में अंतिम पन्ने पर पीएम नरेंद्र मोदी की भावुक अपील छापी है. उस अपील में कहा गया है-मैंने यहां की रोटी खाई है और मुझे कर्ज भी चुकाना है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में कुल चार रैलियां की और हर रैली में उन्होंने डबल इंजन सरकार की अहमियत बताई. कांग्रेस ने चुनाव में दस गारंटियां दी और प्रदेश के सबसे चर्चित मुद्दे ओपीएस पर अपना दांव चलाया है. कांग्रेस ने सत्ता में आते ही ओपीएस बहाल करने का वादा किया है. साथ ही एक लाख नौकरियां पहली ही कैबिनेट में घोषित करने की बात कही है. यह चुनाव भाजपा के लिए बागियों की बाधा के रूप में याद किया जाएगा. पूर्व विधायकों सहित सिटिंग एमएलए भी बागी हो गए.

बागियों ने बढ़ाई मुश्किलें: नालागढ़ से केएल ठाकुर, आनी से किशोरी लाल और किन्नौर से तेजवंत नेगी, कुल्लू से राम सिंह, फतेहपुर से कृपाल परमार सहित मंडी से प्रवीण शर्मा कुछ प्रमुख नाम हैं, जिन्होंने भाजपा को परेशानी में डाला है. भाजपा ने दो कैबिनेट मंत्रियों की सीटें बदली. सुरेश भारद्वाज को शिमला से कसुम्पटी और राकेश पठानिया को नूरपुर से फतेहपुर भेजा है. महेंद्र ठाकुर ने इस बार चुनाव से विराम लिया और अपने बेटे को टिकट दिलाने में कामयाब हुए. भाजपा सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह, करसोग से हीरा लाल, भरमौर से जिया लाल, चंबा से पवन नैय्यर आदि का टिकट काटा गया.(BJP Congress rebel leaders in Himachal).

उपचुनाव हार गई थी भाजपा: भाजपा मंडी लोकसभा उपचुनाव हार गई थी. इसके अलावा तीन विधानसभा उपचुनाव भी हारी. मंडी में सीएम जयराम ठाकुर की प्रतिष्ठा दांव पर है. उनके सामने पिछली बार की तरह दस की दस सीटें जीतने की चुनौती है. राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो ये चुनाव पीएम नरेंद्र मोदी, पार्टी मुखिया जेपी नड्डा, सांसद अनुराग ठाकुर, पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप के लिए साख का सवाल हैं. ये चुनाव पीएम मोदी के लिए कितना अहम हैं, इसका पता कृपाल परमार को मनाने के लिए किए गए फोन से चलता है.

अनुराग ठाकुर के समक्ष हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में अधिक से अधिक सीटें जीतने की चुनौती है. जेपी नड्डा के सामने न केवल हिमाचल बल्कि अपने गृह जिला बिलासपुर में जीत हासिल करने की चुनौती है.
कांग्रेस इस बार सामूहिक नेतृत्व के सहारे चुनाव लड़ रही है. यहां सत्ता मिलने पर हॉट सीट के कई दावेदार हैं. ऐसा नहीं है कि कांग्रेस को बागियों ने परेशान नहीं किया, लेकिन इस मामले में कांग्रेस के मैनेजमेंट भाजपा से बेहतर रहा है. कांग्रेस में कौल सिंह ठाकुर के लिए ये चुनाव जीवन के सबसे अहम चुनाव हैं. वे जीतते हैं तो अनुभव के आधार पर सीएम पद के प्रबल दावेदार होंगे. वहीं, मुकेश अग्निहोत्री व सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी कतार में हैं.

चुनाव में यदि कांग्रेस को दो तिहाई बहुमत मिले तो फिर होली लॉज का दावा भी हॉट सीट के लिए हो जाएगा. फिलहाल तो हिमाचल में चुनाव की सबसे बड़ी जिज्ञासा रिवाज बदलना या फिर ताज बदलना के प्रश्न को लेकर है. प्रदेश में 55 लाख से अधिक मतदाता हैं. यदि ओपीएस की लहर चली तो कांग्रेस को सुख मिलेगा और यदि डबल इंजन की सरकार का नारा चला तो भाजपा का रिवाज बदलने का दावा कामयाब होगा. फिलहाल, जनता ही जनार्दन है, अंतिम सत्य यही है.

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Last Updated : Nov 12, 2022, 6:12 AM IST

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