शिमला: रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान चलाने वालों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना है. प्रदेश के छोटे दुकानदार और रेहड़ी-फड़ी वालों को काफी लाभ हुआ है. योजना के तहत प्रदेश में कुल 5790 रेहड़ी-फड़ी वाले हैं.
इनमें से अब तक 3150 ने स्वनिधि योजना के तहत कर्ज के लिए आवेदन किया है. 1892 लोगों ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और विभाग ने इनके आवेदन को स्वीकार कर लिया है. प्रदेश में 1316 लोगों के खातों में योजना के तहत बैंक से कर्ज की राशि पहुंच गई है.
धर्मशाला से प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 330 आवेदन
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत प्रदेश में सबसे अधिक 330 आवेदन नगर निगम धर्मशाला से आएं हैं. यहां पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी वालों की कुल संख्या 490 है. इनमें से 270 लोगों के आवेदन सही पाए गए हैं और कर्ज देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. नगर निगम धर्मशाला क्षेत्र के 216 रेहड़ी-फड़ी वालों के खाते में कर्ज की राशि पहुंच गई है. नगर निगम शिमला में पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी वालों की संख्या 665 है.
जिनमें से 271 लोगों ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत कर्ज के लिए आवेदन किया है. 193 के आवेदन सही पाए गए हैं और विभाग की तरफ से कर्ज की अनुमति दे दी गई है. नगर निगम शिमला क्षेत्र के 193 आवेदकों के खाते में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की राशि पहुंच गई है.
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत प्रदेश में लाभार्थियों की जिलावार संख्या इस प्रकार से है...
जिला | जिला में पंजीकृतों की संख्या | कुल आवेदन | विभाग से मंजूरी | धन आवंटित |
बिलासपुर | 398 | 276 | 169 | 108 |
चंबा | 290 | 241 | 99 | 68 |
हमीरपुर | 425 | 283 | 183 | 174 |
कांगड़ा | 1042 | 544 | 366 | 291 |
कुल्लू | 476 | 296 | 163 | 113 |
मंडी | 495 | 378 | 235 | 179 |
शिमला | 854 | 377 | 240 | 219 |
सिरमौर | 304 | 243 | 80 | 57 |
सोलन | 1232 | 392 | 99 | 85 |
ऊना | 274 | 119 | 23 | 22 |
लॉकडाउन के कारण रेहड़ी फड़ी वालों को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा है. इनकी आजीविका पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है. इस स्कीम का मकसद रेहड़ी-फड़ी और छोटी दुकान चलाने वालों को सस्ता कर्ज देना है. इस स्कीम को पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि के नाम से भी जानते हैं.
इस योजना के तहत रेहड़ी-फड़ी वाले दुकानदारों को छोटी राशि का कर्ज उपलब्ध कराया जाता है. ऐसा लोन देने में किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती है. योजना के तहत अधिकतम 10 हजार रुपये तक का लोन मिलता है. यह कारोबार को शुरू करने में मदद करता है. यह बेहद आसान शर्तों के साथ दिया जाता है. यह एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन है.