शिमला: बात चाहे अमेरिका की हो, इजरायल की या फिर म्यांमार की, पीएम नरेंद्र मोदी ने किसी न किसी रूप में अपने हिमाचल प्रेम को दर्शाया है. वर्ष 2017 में अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व उनकी पत्नी मेलानिया को कई तोहफे दिए थे. फस्र्ट लेडी ऑफ अमेरिका को भेंट किए गए उन तोहफों में हिमाचल का आर्गेनिक शहद, हाथ से बुनी हुई शॉल, हिमाचल में बना पारंपरिक चांदी का कंगन आदि शामिल थे. जून 2017 में पीएम नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा में हिमाचल से जुड़े ये तोहफे चर्चा के केंद्र में आए थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल से लगाव जगजाहिर है. वे 1998 में हिमाचल भाजपा के प्रभारी थे. राज्य प्रभारी रहते हुए वे हिमाचल के कोने-कोने में गए हैं. उन्होंने अपने हिमाचल प्रेम व शिमला की इंडियन कॉफी हाउस का जिक्र कई मंचों पर किया है. पीएम नरेंद्र मोदी बता चुके हैं कि कैसे शिमला में इंडियन कॉफी हाउस में उनका कॉफी का बिल मीडिया कर्मी चुका दिया करते थे. वे शिमला में जाखू मंदिर में भी शीश नवाने जाते थे. अपनी एक शिमला यात्रा के दौरान उन्होंने स्थानीय भाजपा नेता से पूछा था कि क्या वे अभी भी रोज जाखू मंदिर जाते है, यदि हां तो बजरंग बली को मेरा भी प्रणाम निवेदिन करना. यही कारण है कि जब पीएम नरेंद्र मोदी हाऊडी कार्यक्रम में अमेरिका व भारत के शहरों को आपस में जोड़कर दोनों देशों के रिश्तों की बात कर रहे थे तो शिकागो के साथ उन्होंने शिमला का जिक्र किया.
दो साल पहले मेलानिया को दिए तोहफों की खासियत
जून 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फर्स्ट लेडी ऑफ अमेरिका मेलानिया को कांगड़ा हनी, कांगड़ा टी व हैंडवुवन हिमाचली शॉल सहित हिमाचल की हस्तकला का नमूना पारंपरिक चांदी का कंगन भेंट किया था. इन तोहफों की खासियत को लेकर तब समूचे विश्व में जिज्ञासा बनी हुई थी.
यहां बता दें कि कांगड़ा हनी पूरी तरह से आर्गेनिक हनी है. कुछ दशक पहले कांगड़ा जिला के ओपी शर्मा ने आर्गेनिक हनी पर काम शुरू किया था. कांगड़ा हनी में किसी तरह का कोई कैमिकल नहीं डलता. पारंपरिक तरीके से मधुमक्खियों से शहद इकठ्ठा किया जाता है और इसे एपिकल्चर कहते हैं. कांगड़ा हनी को शुद्धता के नए शिखर पर पहुंचाने में सीएसआईआर के तहत इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्सिज टैक्नोलॉजी पालमपुर का योगदान है.