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धर्मशाला इन्वेस्टर्स मीट में आएंगे PM मोदी, दिल्ली में मुख्य सचिव से मुलाकात में दिया भरोसा

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Published : Oct 28, 2019, 7:34 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में आने के लिए हामी भरी है. पीएम मोदी ने नई दिल्ली में हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी को धर्मशाला आने का भरोसा दिया है.

PM Modi will come to Dharamshala Investors Meet

शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में आने के लिए हामी भरी है. पीएम मोदी ने नई दिल्ली में हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी को धर्मशाला आने का भरोसा दिया है.

सोमवार को नई दिल्ली में मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और इन्वेस्टर्स मीट का ब्यौरा दिया. बाल्दी ने प्रधानमंत्री को 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट' की तैयारियों से जुड़ी जानकारी दी. मुख्य सचिव के साथ राज्य सरकार के उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार भी थे.

यहां बता दें कि धर्मशाला में आगामी माह 7 व 8 नवंबर को 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट' आयोजित की जा रही है. इस मीट में देश व विदेश की कंपनियां भी आएंगी. कई देशों के राजदूत भी शामिल होंगे. मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को विस्तृत रूप से इस 'मैगा मीट' में भाग लेने वाले देशों तथा संभावित निवेश के बारे में भी जानकारी दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. फाइल

प्रधानमंत्री ने इन्वेस्टर्स मीट को लेकर राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की. पीएम नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करने का भरोसा भी दिया.

उन्होंने राज्य में और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए सुझाव भी दिए. उन्होंने पर्यटन, निर्माण, कौशल विकास सहित आयुर्वेद, बागवानी और अन्य उद्योग आधारित स्थानीय संसाधनों जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के विकास पर ध्यान देने के लिए कहा.

राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को भरोसा दिया कि उनके सुझावों पर गंभीरता से अमल किया जाएगा. इसके अलावा मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी व अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार ने केंद्र सरकार के जनजातीय विकास सचिव दीपक खांडेकर से भी भेंट की.

मुख्य सचिव ने केंद्र सरकार से राज्य की हाईड्रो परियोजनाओं को 'लाइनअर' परियोजनाएं घोषित करने का अनुरोध किया. उन्होंने वन मंजूरी के मामले को भी उठाया क्योंकि मंजूरी न मिलने से प्रदेश की अधिकतर विकासात्मक परियोजनाओं को कार्यान्वित करने में अनावश्यक देरी हो जाती है. केंद्रीय जनजातीय विकास सचिव ने इन मामलों को सुलझाने के लिए हरसंभव सहायता का भरोसा दिया.

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