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निगाहों में धाम केदार, निशाने पर 'धौलाधार': पहले भी कहीं निगाहों से कहीं पर निशाने लगा चुके हैं पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में थे लेकिन उनकी पोशाक ने उनका कनेक्शन हिमाचल से जोड़ दिया. जहां अगले महीने चुनाव होने हैं. इससे पहले भी पीएम मोदी ऐसा कनेक्शन बिठा चुके हैं. कब-कब हुआ है ऐसा जानने के लिए पढ़ें. (Himachal election connection of PM dress)

पीएम मोदी
पीएम मोदी

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Published : Oct 21, 2022, 10:59 PM IST

Updated : Oct 22, 2022, 6:43 AM IST

शिमला : कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना. ये बात पीएम मोदी पर कई बार सटीक बैठती है. अपने बयानों से ऐसा करने वाले पीएम मोदी ने इस बार बिना बोले ऐसा कर दिया है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तराखंड के केदारनाथ धाम पहुंचे थे. भगवान केदार के दर पर पहुंचकर पीएम ने पूजा अर्चना की लेकिन उत्तराखंड में होते हुए भी उनका कनेक्शन हिमाचल से जुड़ गया. जहां 12 नवंबर को वोटिंग होनी है. यानी निगाहें कहीं और निशाना कहीं, दरअसल इस बार पीएम मोदी के उस चोले की चर्चा हो रही है जिसे असल में चोला ही कहते हैं और ये उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य हिमालच प्रदेश के जनजातीय इलाके भरमौर का पहनावा है. प्रधानमंत्री मोदी के सिर पर हिमाचली टोपी थी और तन पर भरमौरी चोला, जिसने केदारनाथ में शिव की शरण में बैठे पीएम का सीधा कनेक्शन चुनावी राज्य हिमाचल प्रदेश से जोड़ दिया. (Himachal election connection with pm modi dress) (PM Modi in Kedarnath)

पीएम ने पहना चुनावी 'चोला' - केदारनाथ में पीएम मोदी ने जो वेशभूषा पहनी थी उसे चोला कहते हैं और इसे हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर में रहने वाले गद्दी जनजाति के लोग पहनते हैं. हिमाचल में इस साल चुनाव होने हैं, पीएम मोदी उत्तराखंड में थे लेकिन गद्दी वेशभूषा पहन उन्होंने एक बार फिर बिन कहे हिमाचल का प्रचार कर दिया. गद्दी जनजाति के लोग भेड़-बकरियां पालते हैं और लगभग सालभर उनके साथ घूमते है. हिमाचल में मौजूद धौलाधार की पहाड़ियां इन गद्दियों का घर है. जब सर्दियों में पहाड़ों पर बर्फ गिरने लगती है तो गद्दी अपनी भेड़-बकरियों के साथ निचले इलाकों पर आ जाते हैं और बर्फ पिघलने पर फिर से ऊंचाई वाले इलाकों का रुख कर लेते हैं. ये सिलसिला लगभग पूरे साल चलता रहता है. (PM Modi wears himachal traditional dress) (PM Modi Wears Chola dora at Kedarnath)

पीएम मोदी ने केदारनाथ में पहना भरमौर का चोला

साल का एक बड़ा हिस्सा गद्दी पुरुष इसी तरह खानाबदोश की तरह व्यतीत करते हैं. खाने-पीने का सामान, बर्तन, कपड़े सब साथ लेकर चलते हैं. भेड़-बकरियों से ऊन, दूध और खाने के लिए मांस भी मिल जाता है. इस कभी ना खत्म होने वाले सफर में कड़ाके की ठंड में यही चोला उन्हें सर्दी से बचाता है. जो भेड़ की ऊन से ही बनता है. तन पर चोला, कमर पर डोरा और सिर पर टोपी ही गद्दी पुरुषों की पहचान है. पीएम मोदी ने भी यही वेशभूषा केदारनाथ धाम में धारण की थी. हालांकि उनकी ड्रेस में वो डोरा नहीं था जो ऊन से बनी रस्सी की तरह होता है और इसे एक बेल्ट की तरह कमर पर लपेटा जाता है. इस पूरी ड्रेस को ऊन से ही तैयार करने का मकसद सर्दी से बचना है. (PM wears Gaddi Dress) (Who is Gaddi)

हिमाचल में बीजेपी ने किया है मिशन रिपीट का दावा- दरअसल हिमाचल प्रदेश में नवंबर महीने की 12 तारीख को सभी 68 सीटों पर वोटिंग होनी है. बीजेपी ने इस बार मिशन रिपीट यानी सरकार रिपीट का दावा किया है. दरअसल हिमाचल में साल 1985 के बाद से कोई भी सरकार रिपीट नहीं हुी है. हर 5 साल में सत्ता कांग्रेस और बीजेपी के पास आती-जाती रही है. इस बार बीजेपी ये रिवाज बदलने का दावा कर रही है. हिमाचल चुनाव में भी पीएम मोदी बीजेपी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक हैं. ऐसे में हिमाचल में फिर से मिशन रिपीट करने का दारोमदार उन्हीं के कंधों पर है. इसलिये उन्होंने उत्तराखंड की जमीन से भी हिमाचल को साधने की कोशिश की है. पिछले एक महीने में पीएम 4 जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं. हालांकि ये दौरे चुनाव आचार संहिता लगने से पहले हुए थे. (BJP Mission Repeat in Himachal) (Himachal election connection of PM dress)

हिमाचली पोशाक में केदारनाथ में पीएम मोदी

उत्तराखंड की तरह हिमाचल में रिवाज बदलने का दावा- बीजेपी हिमाचल में उत्तराखंड और यूपी की तर्ज पर सरकार रिपीट करने का दावा कर रही है. साल 2000 में बने उत्तराखंड राज्य में पिछले 22 साल से कोई भी सरकार रिपीट नहीं हुई थी लेकिन इस साल हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने ऐसा कर दिखाया है. ऐसा ही यूपी में लगभग 35 साल बाद हुआ है. इसलिये हिमाचल में फिर से कमल खिलाने के लिए बीजेपी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. ये रिवाज बदलने के लिए पीएम ने उत्तराखंड में होते हुए भी हिमाचल का लिबास ओढ़ लिया.

ये पीएम मोदी के चुनाव प्रचार का स्टाइल है- दरअसल कहीं पे निगाहें और कहीं पे निशाना लगाना पीएम मोदी का स्टाइल है. 1 मार्च 2021 को कोरोना टीकाकरण अभियान के दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचकर कोरोना वैक्सीन का पहला डोज़ लिया था. उस वक्त पीएम मोदी की वैक्सीन लेते हुए एक तस्वीर खूब चर्चा में आई. जिसमें 2 नर्स के साथ पीएम मोदी बैठे हुए हैं. इनमें से एक नर्स पी. निवेदा थी जो पुडुचेरी की रहने वाली थी वहीं दूसरी नर्स रोसम्मा अनिल थी जो केरल की रहने वाली थी. वहीं पीएम मोदी ने असम का पारंपरिक गमछा डाला था. दरअसल ये उस वक्त की तस्वीर थी जब केरल, असम, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव का दौर था.

बंगाल चुनाव के दौरान बांग्लादेश में मतुआ समुदाय के आध्यात्मिक गुरु के मंदिर में पीएम मोदी

पश्चिम बंगाल में चुनाव और मतुआ समुदाय के मंदिर में पीएम- 27 मार्च 2021 में ही पश्चिम बंगाल में चुनाव के पहले चरण की वोटिंग थी और पीएम मोदी बांग्लादेश के दौरे पर पहुंचे थे. जहां वो मतुआ समुदाय के एक मंदिर में पहुंचे थे, उस समुदाय का पश्चिम बंगाल की लगभग 70 विधानसभा सीटों पर निर्णायक वोट माने जाते हैं. और उसी दिन उनमें से कई सीटों पर वोटिंग भी थी. इसके अलावा पीएम मोदी इस दौरे पर मां जशोरेश्वरी देवी के मंदिर भी गए जो मां काली का मंदिर है और ये एक शक्तिपीठ भी है.

2021 में 5 राज्यों के चुनाव के दौरान पुडुचेरी और केरल की नर्स ने असम का गमछा पहने पीएम मोदी को दी कोरोना वैक्सीन

देश में लोकसभा चुनाव और केदारनाथ में पीएम-लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी पीएम मोदी केदारनाथ पहुंचे थे. तब 19 मई को लोकसभा चुनाव के 7वें औऱ आखिरी चरण में देश के 7 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की कुल 59 लोकसभा सीटों पर मतदान होना था. उससे पहले 17 मई को चुनाव प्रचार खत्म हो गया था और प्रचार खत्म होने के बाद पीएम मोदी केदारनाथ पहुंचे थे. जहां उन्होंने गुफा में बैठकर उनकी साधना करने की तस्वीरों ने तब खूब सुर्खियां बटोरी थीं. लेकिन तब कई सियासी दलों ने पीएम मोदी की इस साधना पर सवाल उठाए थे.

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Last Updated : Oct 22, 2022, 6:43 AM IST

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