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लद्दाख के इस सांसद का भाषण सुनकर शाह ने थपथपाई मेज, PM और लोकसभा अध्यक्ष ने की तारीफ

BJP सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने अपने भाषण के दौरान बिल का विरोध करने वालों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने फैक्ट रखे और सदन में कहा कि पहली बार लद्दाख के लोगों की भावनाएं सुनी जा रही हैं. अपनी स्पीच के दौरान उन्होंने कुछ पंक्तियां भी रखी. नामग्याल के भाषण के दौरान सभी भाजपा सांसद, गृहमंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी बेहद खुश दिखीं और टेबल थपथपाती दिखीं.

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Published : Aug 6, 2019, 8:26 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द करने और जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन के लिए कानून बनाने के प्रस्ताव को लोकसभा में पेश किया. पूरे दिन लोकसभा में इस विषय पर चर्चा होती रही. इस दौरान एक सांसद की स्पीच को बहुत तालियां मिलीं और वो सांसद हैं लद्दाख से जामयांग शेरिंग नामग्याल.


जामयांग शेरिंग नामग्याल की तारीफ खुद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने भी की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर जामयांग शेरिंग नामग्याल को उनके भाषण के लिए बधाई दी है.

स्पेशल रिपोर्ट

BJP सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने अपने भाषण के दौरान बिल का विरोध करने वालों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने फैक्ट रखे और सदन में कहा कि पहली बार लद्दाख के लोगों की भावनाएं सुनी जा रही हैं. अपनी स्पीच के दौरान उन्होंने कुछ पंक्तियां भी रखी. नामग्याल के भाषण के दौरान सभी भाजपा सांसद, गृहमंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी बेहद खुश दिखीं और टेबल थपथपाती दिखीं.


जामयांग शेरिंग नामग्याल ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि, 'जो गलतियां पंडित जवाहर नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने की, उसमें सुधार होने जा रहा है और हम उसका स्वागत करते हैं.'


BJP सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल की बड़ी बातें-

  • पहली बार इतिहास में लद्दाख के लोगों की भावनाएं सुनी जा रही हैं.
  • कश्मीर को कुछ लोगों ने अपनी जागीर समझ लिया था. वे लोग नशे में हैं लेकिन अब उनकी जागीर नहीं रही.
  • कश्मीर पर दो परिवारों ने राज किया. 1979 में लद्दाख का बंटवारा किया और हम भाइयों को लड़वाया.
  • विरोध करने वाले किस मुंह से सेक्युलरिज्म की बात करते हैं.
  • आज करगिल की बात करते हैं, जानते कितना हैं करगिल को. आज तक आप लोगों ने बोला, आज हमें बोलने का मौका मिला है. ये एक रोड और छोटे से मार्केट को करगिल समझ बैठे. वहां के लोग इस बिल का समर्थन करते हैं.
  • मैं किताबें पढ़कर नहीं, ग्राउंड की हकीकत जान कर आता हूं.
  • आज से 66 साल पहले जनसंघ के संस्थापक ने जो संकल्प लिया, कि इस देश में विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चलेगा. कश्मीर का झंडा लद्दाख ने 2011 में नकार दिया. हम भारत देश का अटूट अंग बनना चाहते थे.
  • आन देश की, शान की, देश की हम संतान हैं, तीन रंगों से रंगा तिरंगा, अपनी ये पहचान है.
  • कश्मीर का मुद्दा बोलने वाले खुद समस्या हैं, वे उसका समाधान नहीं चाहते हैं. आज ये लोकतंत्र की बात करते हैं.
  • विकास के लिए सरकार से फंड लेते हैं और लद्दाख का फंड खा जाते थे. नौकरियां नहीं देते क्या ये आपकी समानता थी.
  • कांग्रेस ने 2011 में कश्मीर और जम्मू में सेंट्रल विश्वविद्यालय दिया लेकिन लद्दाख में एक भी हायर स्टडी का इंस्टीट्यूट नहीं दिया.
  • कांग्रेस ने आर्टिकल 370 का दुरुपयोग किया.
  • हमें भारत के साथ रहना है, भारत की जयकार करनी है.
  • इतिहास उठाकर देखिए, लद्दाख के लोग हमेशा देश के लिए मर मिटने को तैयार रहे, उन्होंने बलिदान दिया.
  • आर्टिकल 370 हटने से सिर्फ दो परिवारों की रोजी-रोटी खोएंगे और कश्मीर का भविष्य उज्जवल होने वाला है.
  • करगिल के लोगों ने UT के लिए वोट दिया है. लद्दाख ने UT के लिए वोट दिया. लोगों ने इसका स्वागत किया.

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