शिमलाः प्रदेश भर में हर वर्ष जंगलों में आग लगने की शिकायतें आती हैं, जिसे पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो हिमाचल जैसे राज्य को बहुत नुकसान पहुंचता है. इसलिए पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रदेश में स्थित सीमेंट उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की. जिसमें सीमेंट उद्योगों को चीड़ की पत्तियों और लैटाना से बनी ब्रीकेट्स/पैलेट्स को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए आह्वान किया.
पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर. डी. धीमान ने कहा कि जंगलों को आग से बचाने के लिए चीड़ की पत्तियों पर आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए पिछले वर्ष सरकार ने एक योजना शुरू की है. जिसमें 50 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाएगी. इस साल सरकार ने कुल 25 लघु उद्योग स्थापित करने का लक्ष्य रखा है जिनमें 2 उद्योगों की स्थापना की जा चुकी है.
सीमेंट उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ की गई बैठक में निर्णय लिया गया कि सीमेंट उद्योगों में ईंधन की कुल लागत का 0.1 प्रतिशत भाग को बढ़ाकर 1 प्रतिशत कर दिया जाएगा. जिसमें चीड़ की पत्तियां एवं लैटाना शामिल है. पर्यावरण विभाग शीघ्र ही इस संदर्भ में आदेश जारी करेगा.
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