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IGMC में स्क्रब टायफस से बुजुर्ग की मौत, अब तक 5 की गई जान - undefined

स्क्रब टाइफस से 73 साल के व्यक्ति की मौत हो गई है. प्रदेश में स्क्रब टायफस के बढ़ते मामलों को देख चिकित्सकों ने कहा बुखार हो तो घर में दवाएं न लें तुरंत नजदीकी अस्पताल में अपनी जांच करवाएं.

ब टायफस से व्यक्ति की मौत

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Published : Aug 14, 2019, 10:48 PM IST

शिमला: प्रदेश में स्क्रब टायफस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से 73 साल के व्यक्ति की मौत हो गई. व्यक्ति जिला मंडी का निवासी था और 31 जुलाई को उसे आईजीएमसी में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था. आईजीएमसी में स्क्रब टाइफस से अब तक 5 मौतें हुई हैं, अब तक 16 मामले पॉजीटिव पाए गए हैं.

आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. जनकराज ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि स्क्रब टाइफस से 73 साल के बुजुर्ग की मौत हो गयी है. उन्होंने कहा कि प्रशासन के पास सभी दवाएं उपलब्ध है. उन्होंने लोंगों से अपील करते हुए कहा कि अगर किसी को बुखार हो तो घर में दवाएं न लें तुरंत नजदीकी अस्पताल में अपनी जांच करवाएं.

बरसात के दिनों में घास में पाए जाने वाले पीसू से स्क्रब टायफस अधिक फैलता है. ऐसे में चिकित्सकों द्वारा भी लोगों को तर्क दिया जा रहा है कि इस बीमारी से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी. हालांकि स्क्रब टायफस के मामले आने से प्रशासन भी अलर्ट हो गया है.

स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया हैं कि स्क्रब टायफस की स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है, लेकिन महज नजर रखने से इस बीमारी पर काबू पाना मुश्किल है. स्क्रब टाइफस एक जीवाणु से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों में पनपता है. जीवाणु चमड़ी के माध्यम से शरीर में फैलता है और स्क्रब टाइफस बुखार बन जाता है.

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चिकित्सकों का कहना है कि लोगों को इन दिनों झाड़ियों और घास से दूर रहना चाहिए, लेकिन किसानों और बागवानों के लिए यह संभव नहीं है. क्योंकि इन दिनों खेतों और बगीचों में घास काटने का अधिक काम रहता है. यही कारण है कि स्क्रब टायफस का शिकार होने वाले लोगों में किसान और बागवानों की संख्या ज्यादा है.

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