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आईजीएमसी में आयुष्मान कार्ड से इलाज कराना हुआ मुश्किल, समय पर कार्ड एक्टिवेट न होन से मरीज परेशान - आईजीएमसी में आयुष्मान कार्ड से इलाज

आईजीएमसी में आयुष्मान और हिमकेयर योजनाओं की धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां पर लोगों के लिए कार्ड की सुविधा तो दे दी गई है, लेकिन कार्ड पर दवाईयां और ऑपरेशन के सामान (Treatment with Ayushman card in IGMC Shimla) लेने के लिए मरीज और उनके तीमारदारों को दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि आयुष्मान कार्ड को एक्टिवेट करवाना ही लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है. इतना ही नहीं हिमकेयर कार्ड भी समय पर एक्टिवेट नहीं हो रहा है.

ayushman care card in igmc
आईजीएमसी में आयुष्मान केयर कार्ड

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Published : Jun 18, 2022, 2:07 PM IST

शिमला:आईजीएमसी में आयुष्मान और हिमकेयर योजनाओं (Treatment with Ayushman card in IGMC Shimla) की धज्जियां उड़ाई जा रही है. यहां पर लोगों के लिए कार्ड की सुविधा तो दे दी गई है, लेकिन कार्ड पर दवाईयां और ऑपरेशन के सामान लेने के लिए मरीज और उनके तीमारदारों को दर-दर की ठोकरे खानी पड़ रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि आयुष्मान कार्ड को एक्टिवेट करवाना ही लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है. इतना ही नहीं हिमकेयर कार्ड भी समय पर एक्टिवेट नहीं हो रहा है.

बीते दो दिन से भी मरीजों के कार्ड एक्टिवेट नहीं हुए हैं. जिस कारण लोगों को भारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक की जिन मरीजों का ऑपरेशन होना था, उनके कार्ड तक एक्टिवेट नहीं हुए. जैसे तैसे डॉक्टरों ने मरीजों के ऑपरेशन तो कर दिए, लेकिन लोगों को यह पता नहीं था की कार्ड कब एक्टिवेट होंगे और होंगे भी या नहीं. मरीजों को सरकार की इन योजनाओं का बिल्कुल भी फायदा नहीं हो रहा है. वहीं, अधिकारी भी इस पर खामोश है.

डाक्टरों को भी पेश आ रही दिक्कतें:कार्ड धारकों के ऑपरेशन करने में चिकित्सकों को काफी दिक्कतें पेश आ रही हैं. जब चिकित्सक कार्ड पर ऑपरेशन का सामान मंगवाते हैं, तो तीमारदार को कार्ड पर कई बार पूरा सामान नहीं मिल पाता. ऐसे में जब मरीज ऑपरेशन थियेटर में पहुंच जाता है, तब भी सामान उपलबध नहीं हो पाता. वहीं वार्ड में कई बार तो डाक्टर जल्द ही दवाईयां लाने को कहते हैं, लेकिन जनऔषधी की दुकान में समय से कुछ नहीं मिलता.

जेनेरिक स्टोर में दवाईयां उपलबध नहीं:जेनेरिक स्टोर में भी मरीजों को निशुल्क दवाईयां नहीं मिल रही हैं. यहां पर प्रशासन 350 के करीब निशुल्क दवाइयां देने के दावे करता है, लेकिन मरीजों को सिर्फ एक या दो दवाई ही मिलती है. बताया जा रहा है कि फंड न होने के चलते दवाईयां उपलबध नहीं हो पा रही है. वहीं प्रशासन का दावा है कि अब फंड आ चुका है, ऐसे में जल्द ही दवाईयां उपलब्ध करवा दी जाएंगी.

आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉक्टर रिजवी ने बताया कि हमारे कर्मचारी कार्ड को कम्प्यूटर में अपलोड कर भेज देते हैं. इसके बाद कार्ड एक्टिवेट के लिए दिल्ली जाता है. वहीं से कार्ड को डॉक्टर एक्टिवेट करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन और कर्मचारी की ओर से इसमें कुछ नहीं किया जा सकता. कार्ड दिल्ली से एक्टिवेट होते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा यही प्रयास किए जाते हैं कि सभी मरीजों के कार्ड समय पर एक्टिवेट हों और मरीज को इसका फायदा भी मिले.

वहीं, आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी देवेंद्र ने बताया कि फ्री ऑथोराइज के लिए कार्ड दिल्ली जाता है. वहां से डॉक्टर चैक कर फिर उसे एक्टिवेट करते हैं. कई बार ऐसा होता है कि कार्ड को जैसे ही कर्मचारी आईजीएमसी से एक्टिवेट के लिए दिल्ली भेजता है, तो डॉक्टर उसे समय से नहीं देख पाता और ऐसी स्थिति में कार्ड तुरंत एक्टिवेट नहीं हो पता. हालांकि 6 घंटे के बाद कार्ड अपने आप ही ऑटो अप्रूव हो जाता है. उन्होंने कहा कि इसमें मरीजों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है.

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