शिमला:प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में कैजुअल्टी विभाग में मरीजों को भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है. यहां पर समय पर ना तो डॉक्टर मिलते हैं और ना ही समय पर इलाज मिलता है. जिले भर से गंभीर मरीज आईजीएमसी में आते हैं, लेकिन आपातकाल विभाग में उन्हें ठोकरें खानी पड़ती हैं. आईजीएमसी के आपातकालीन वार्ड में कंसलटेंट डॉक्टर ड्यूटी देने से कतरा रहे हैं. ऐसे में अल्ट्रासाउंट व एक्सरे करवाने में जूनियर छात्रों की ही ड्यूटी लगाई जा रही है. (IGMC Shimla) (Health Services in IGMC)
कंसलटेंट डॉक्टर एक बार भी अल्ट्रासाउंट व एक्सरे करते नजर नहीं आता है, जबकि अल्ट्रासाउंड व एक्सरे करने में सीनियर डॉक्टर का होना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर रिपोर्ट गलत आई तो मरीज को गलत दवाइयां भी जा सकती हैं. यहां पर स्थिति ऐसी बन चुकी है कि मरीज को तो सीनियर डॉक्टर देख लेते हैं, लेकिन एक्सरे व अल्ट्रासाउंड में छात्रों को लगाया गया है. कई रिपोर्टस गलत आ चुकी हैं. सीनियर डॉक्टर आपाताकालीन वाली रिपोर्टस रद्द कर चुके हैं, फिर दोबारा से मरीजों को एक्सरे व अल्ट्रासाउंड करने पड़ते हैं. यहां पर मरीजों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. (Principal Dr Sita Thakur)
हद तो यह है कि रेडियोलॉजी विभाग के अधिकारी भी इस स्थिति को नहीं सुधार रहे हैं. रेडियोलॉजी विभाग रामभरोसे चला हुआ है. इस विभाग को देखना चाहिए कि अगर कंसलटेंट की ड्यूटी जरूरी है, तो उसे तुरंत प्रभाव से ड्यूटी पर लगाना चाहिए. अगर मरीज की रिपोर्टस गलत आई तो सीनियर डॉक्टर भी कुछ भी नहीं कर सकता है. आपाताकालीन वार्ड में पूरे प्रदेश भर से गंभीर मरीज ही आते है. ऐसे में कई मरीजों की आपाताकलीन में जान तक चली जाती है. प्रशासन को यह देखना चाहिए की यहां पर टेस्ट करवाने के लिए तो सीनियर की ड्यूटी लगाई जाए.
मरीजों के साथ सरेआम खिलवाड़ किया जा रहा है. रात हो चाहे दिन यहां पर सीनियर की ड्यूटी लगाना जरूरी है. खासकर रेडियोलॉजी वालों को सुधार लाने की जरूरत है. अधिकारियों को आपातकालीन वार्ड मरीजों के साथ हो रहे खिलवाड़ को लेकर जांच करनी चाहिए, क्या यहां पर रिपोटर्स ठीक आती है या नहीं इसकी भी जांच करनी चाहिए. कई मरीजों के आरोप लग चुके है कि यहां पर कंसलटेंट ना होने की वजह से रिपोर्टस गलत आती हैय