शिमला: आईजीएमसी में मरीजों का इलाज तो हो रहा है, लेकिन परेशानियों के अंबार लगा हुआ है. अस्पताल में अधिक मरीज आने सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने में व्यवस्था चरमरा रही है. ओपीडी में मरीजों की लंबी लाइन रहती है, मरीजों को घंटो खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं, एमआरआई और सीटी स्कैन करवना पड़ता है, तो तारीख सुनकर मरीजों के होश उड़ जाते हैं. इन दिनों सीटी स्कैन और एमआरआई के लिए मरीजों को लंबी तारीख दी जा रही है.
यहां पर खासकर ग्रामिण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामिण क्षेत्र के लोग जब भी अपना इलाज करवाते हैं, तो डॉक्टर उन्हें सीटी स्कैन और एमआरआई करवाने को लिख लेते है, लेकिन जब एमआरआई और सीटी स्कैन करवाने की बारी आती है, तो मरीजों को 15 से 20 दिन तारीख दी जाती है.
इतना ही नहीं मरीजों को तब तक डॉक्टर दवाइयां नहीं देता है, जब तक टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आती है. मरीजों को सारे टेस्ट करवाने के लिए दो से चार हफते लग जाते हैं. ऐसे में तब तक मरीज ज्यादा ही बीमार हो जाता है. यही नहीं, बल्कि मरीजों को पहले घर जाना पड़ता और और फिर से दोबारा टेस्ट करवाने के लिए आना पड़ता है. इस स्थिति में मरीजों के पैसे भी अधिक खर्च हो जाते हैं.