शिमला:आखिरकार हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की सख्ती काम आई. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब परवाणू-शिमला फोरलेन के किनारे 15 हेक्टेयर भूमि पर सार्वजनिक शौचालय बनेंगे. इस संदर्भ में चल रहे एक मामले में केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट में ये जानकारी दी. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है.
अगली सुनवाई 28 जून को:केंद्र सरकार के जवाब के बाद अब हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 28 जून को निर्धारित की है. अदालत में केंद्र सरकार ने बताया कि फोरलेन पर विभिन्न जगहों पर सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे. इसके लिए वन भूमि को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को ट्रांसफर किया जाएगा.इस पर जून माह की बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा. इसके बाद खंडपीठ ने सुनवाई 28 जून को तय कर दी.
मामला लंबे समय से अदालत में:इससे पूर्व मामले पर मार्च महीने में सुनवाई हुई थी. तब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एनएचएआई को आदेश दिए थे कि वह तीन महीनों की भीतर सड़क किनारे शौचालय आदि की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करे, ताकि बरसात से पहले इसका निर्माण शुरू किया जा सके. उल्लेखनीय है कि ये मामला लंबे समय से अदालत में है. इसी मामले में 4 साल पहले भी संबंधित एजेंसियों ने हाईकोर्ट को बताया गया था कि प्रदेश भर के नेशनल और स्टेट हाईवे पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाए उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार ने 1490.65 लाख रुपए मंजूर किए हैं. कोर्ट को बताया गया था कि नेशनल हाईवे के किनारे शौचालय बनाने और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने उक्त राशि स्वीकृत की है.