शिमला:पुलिस में कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक से लेकर हिमाचल प्रदेश कर्मचारी सेवाएं चयन आयोग के पेपर बेचे जाने से सुखविंदर सिंह सरकार सतर्क हो गई है. सरकार ने आयोग का निलंबन तो कर दिया, लेकिन भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू नहीं हो पाई है. यही नहीं, पूर्व में जिन पदों को लेकर लिखित परीक्षा आदि हो चुकी है, उन पदों पर भी कोई फैसला नहीं हुआ है. हमीरपुर चयन आयोग की जांच में एक के बाद एक कड़ी जुड़ रही है और इसके लंबा खिंचने के आसार हैं. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं में आक्रोश पनप रहा है.
नई भर्ती प्रक्रिया का ड्राफ्ट तैयार कर रही सुक्खू सरकार: नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं का आक्रोश थामने के लिए सुखविंदर सिंह सरकार नई भर्ती प्रक्रिया का मसौदा तैयार कर रही है. इसकी खास बात ये है कि जैसे ही किसी सरकारी नौकरी का विज्ञापन निकलेगा, उसके बाद लिखित परीक्षा और इंटरव्यू आदि की प्रक्रिया पूरी कर छह महीने के भीतर नौकरी दी जाएगी. इसे भर्ती विधान का नाम दिया जा सकता है. यानी सुखविंदर सिंह सरकार दूध की जली जयराम सरकार से सबक लेकर अब इस मामले में छाछ को भी फूंक कर पिएगी.
भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और इफेक्टिव बनाएगी सरकार: हमीरपुर चयन आयोग की जांच में जुटी विजिलेंस की टीम को पेपर बेचे जाने को लेकर कई सुबूत मिले हैं. ये कड़ियां पिछली भर्तियों तक जा रही है. वहीं, सुखविंदर सिंह सरकार ने शिक्षा सचिव अभिषेक जैन को प्रशासनिक जांच का जिम्मा सौंपा है. अभिषेक जैन ने अभी प्रारंभिक रिपोर्ट भी नहीं दी है. उनसे सरकार ने आयोग की कार्यप्रणाला की चूक रहित बनाने के लिए भी सुझाव मांगे हैं. इसी बीच, सरकार ने आगे आने वाले समय में भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और इफेक्टिव बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है. सुखविंदर सिंह सरकार ने अब किसी भी नौकरी के लिए विज्ञापन निकालने के बाद छह महीने के भीतर नियुक्ति देने की प्रक्रिया अपनाने का फैसला लिया है. निकट भविष्य में किसी भी भर्ती को लेकर कोई विवाद न हो और कोई मामला अदालत न पहुंचे, इसका खास ख्याल रखा जाएगा.