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कालका शिमला हेरिटेज ट्रैक पर ट्रायल के लिए दौड़ी पैनोरमिक विस्टाडोम, पहले दिन 22 KM प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन

हिमाचल प्रदेश में कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर मंगलवार को पैनोरमिक विस्टाडोम का ट्रायल किया गया. कालका से शोघी तक ट्रेन को 20 किलोमीटर की स्पीड में लाया गया. मगर, इसका ट्रायल शोघी से शिमला के बीच किया गया. पढ़ें पूरी खबर...

Kalka Shimla Heritage Railway Track
डिजाइन फोटो.

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Published : Jun 20, 2023, 7:08 PM IST

जानकारी देते हुए डिप्टी सीएमई डिजाइन कपूरथला अभय डोगरा.

शिमला:कालका शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक पर शिमला से शोघी के बीच मंगलवार से पैनोरमिक विस्टाडोम ट्रेन का ट्रायल शुरू हो गया. मंगलवार को शिमला और शोघी के बीच पैनोरमिक विस्टाडोम ट्रेन के चार कोच दौड़ाए गए और 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर ट्रायल हो रहा है. पहले दिन शोघी से शिमला के लिए 22 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन शिमला रेलवे स्टेशन पहुंची. बता दें कि हर रोज इस ट्रेन की रफ्तार बढ़ाई जाएगी. पहले पांच दिन खाली कोचों के साथ ट्रायल होगा, अगले पांच दिन वजन के साथ ट्रायल होगा. ये ट्रायल 28 जून तक होंगे. आज चार पैनोरमिक विस्टाडोम की बोगियां दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर शिमला पहुंची. अभी ट्रायल के लिए ट्रेन को चलाया जाएगा. पैनोरमिक विस्ताडोम ट्रेन के अत्याधुनिक कोचों का निर्माण आरसीएफ (रेल कोच फैक्टरी) कपूरथला में किया गया है. वहीं, इस दौरान आरसीएफ की टीम भी ट्रायल के दौरान मौजूद रही.

डिप्टी सीएमई डिजाइन कपूरथला अभय डोगरा ने कहा कि आज शोघी से शिमला तक इसका ट्रायल किया गया. उन्होंने कहा कि ट्रेन कालका से शिमला तक चली, लेकिन इसका मुख्य ट्रायल शोघी से शिमला के बीच किया गया. आज पैनोरमिक विस्टाडोम चार कोच के साथ दोपहर शिमला पहुंची.

कोच में ये सुविधाएं: डिप्टी सीएमई डिजाइन कपूरथला अभय डोगरा ने बताया कि इन चार कोच में एक में 12 सीटें हैं. दूसरी चेयर कार कोच जिसमें 22 सीटें हैं. जनरल कोच में 30 सीटें हैं व पावर कम लगेज कोच में एक टन तक सामान की क्षमता है. उन्होंने कहा कि यह कोच पूरी तरह स्टैनलेस स्टील से निर्मित है. कोच में यात्रियों के लिए पेनोरमिक विंडो है साथ ही बोगियां पूरी तरह साउंड प्रूफ हैं. वातानुकूलित बोगियों में आरामदायक सीटें हैं, अंदर बेहतर लाइट सिस्टम दिया गया है. प्रत्येक सीट पर चार्जिंग पॉइंट के साथ सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, साथ ही यात्रियों को बैठे-बैठे पता चल जाएगा कि कौन से स्टेशन पर ट्रेन पहुंची है. अभय डोगरा ने बताया कि ट्रेन कालका से शिमला पहुंची है, लेकिन ट्रायल शोघी-शिमला के बीच में किया गया है. कालका से शिमला तक इसकी गति 20 किमी प्रति घंटा आज रखी गई और शोघी से शिमला के बीच इसकी गति 22 किमी प्रति घंटा रखी गई. 28 जून तक प्रत्येक दिन इसका ट्रायल किया जाएगा और प्रत्येक दिन 2 किमी गति का इजाफा करते हुए इसे 28 किमी प्रति घंटा पहुंचाया जाएगा.

एक करोड़ में तैयार हुआ है एक पैनोरमिक कोच:आधुनिक सुविधाओं से लैस एक पैनोरमिक कोच की अनुमानित लागत एक करोड़ रुपये से अधिक है. परीक्षण के लिए तैयार किए गए ट्रायल रैक में एसी एग्जीक्यूटिव चेयरकार, एसी चेयरकार, नॉन एसी चेयरकार और लगेज कार शामिल हैं. एक्जीक्यूटिव चेयरकार 12 सीटर, चेयरकार 22 सीटर, नॉन एसी चेयरकार 30 सीटर और पावर कार कम लगेज वैन में गार्ड के बैठने की व्यवस्था रहेगी. इन कोचों में खिड़कियों का आकार बड़ा है. छत तक खिड़की है, जिससे यात्री पहाड़ों और घाटियों की सुंदरता का आनंद ले सकेंगे. कोच एयर ब्रेक, एलईडी लाइट, 360 डिग्री पर घूमने वाली चेयर, सीसीटीवी और फायर अलार्म से लैस हैं. यह चारों कोच आपस में जुड़े होने के कारण यात्री एक बोगी से दूसरी बोगी में जा सकते हैं.

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