हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

जिला परिषद कैडर कर्मियों के समर्थन में आए पंचायत प्रधान और जनप्रतिनिधि, सरकार से हड़ताली कर्मियों की मांगों पर जल्द फैसला लेने को कहा

पंचायत प्रधानों और जनप्रतिनिधि ने जिला परिषद कैडर कर्मियों की मांगों का समर्थन किया है. पंचायत प्रधान और जनप्रतिनिधि ने सरकार को ज्ञापन भेजा है, जिनमें जिला परिषद कैडर कर्मियों की मांगों को जल्द मानने की बात कही है...(Zilla Parishad cadre employees demand) (Panchayat Heads support Zilla Parishad cadre employees)

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 7, 2023, 10:07 PM IST

शिमला:हिमाचलप्रदेश में जिला परिषद कैडर कर्मचारी बीते एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं. इन कर्मचारियों की मुख्य मांग पंचायती राज विभाग में विलय करने की है. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश की पंचायतों में कामकाज ठप है. जिससे लोगों को भारी असुविधा हो रही है. ऐसे में पंचायत प्रधानों से लेकर जिला परिषद के सदस्य कर्मचारियों को विभाग में मर्ज करने की मांग मानने के लिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं. पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने सरकार ने इनकी मांगें जल्द से जल्द पूरा कर हड़ताल खत्म करने को कहा है.

प्रदेश में कई जगह पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि इन कर्मचारियों को खुलकर समर्थन कर रहे हैं. मंडी, ऊना, कांगड़ा, सिरमौर, कुल्लू में पंचायत प्रधानोंं ने जिला कैडर कर्मचारियों का खुलकर समर्थन किया है. पंचायत प्रधानोंं ने सरकार को ज्ञापन भेजकर इनकी मांगों को समर्थन दिया है.

कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश की ग्राम पंचायतों में कामकाज पूरी तरह से ठप है. लोगों के काम पंचायतों में लटक गए हैं. आपदा के दौरान मनरेगा के तहत एक लाख तक घरों के पास डंगे देने के लिए सरकार सहायता दे रही है, इनकी शेल्फ तैयार नहीं हो पा रही. इसी तरह जरूरी सर्टिफिकेट भी नहीं मिल रहे हैं. यही नहीं हड़ताल के कारण इस बार ग्राम सभाओं का आयोजन भी नहीं हो पाया है.

प्रदेश में 2 अक्टूबर को विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन पूरे प्रदेश में किया जाना था, जिसमें आपदा को लेकर विशेष प्रस्ताव पारित किए जाने थे, लेकिन पंचायत सचिवों के बिना ये ग्राम सभाएं नहीं हो पाई. हालांकि सरकार ने ग्राम रोजगार सेवकों और सिलाई अध्यापिकाओं को ग्राम सभाओं को करवाने का जिम्मा दिया था, लेकिन तकनीकी जानकारी के कारण इस कार्य को नहीं कर पाए. यही नहीं जिला परिषद कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पहले से पंचायतों में चल रहे विकासात्मक कार्यों के भी बाधित हो गए हैं. ऐसे में पंचायत प्रधान और अन्य प्रतिनिधि सरकार से हड़ताली कर्मचारियों की जायज मांग मानने का आग्रह कर रहे हैं.

जिला परिषद कैडर कर्मियों के समर्थन में आए पंचायत प्रधान

विभाग में मर्ज करने की प्रमुख मांग:जिला परिषद कैडर कर्मचारियों की सबसे प्रमुख मांग पंचायती राज विभाग मर्ज करने की है. इसके अलावा इनको सरकार ने अन्य सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर संशोधित वेतनमान भी नहीं दिया है. जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को अभी तक उनके वित्तीय लाभ भी नहीं दिए हैं. एक ओर जहां सभी विभागों और अन्य कर्मचारियों को 2016 से छठा वेतनमान दे दिया जा रहा है, वहीं इन कर्मचारियों को पांचवें वेतन आयोग के आधार पर वेतन जारी किया जा रहा है. इससे इन कर्मचारियों को हर माह हजारों का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

यही नहीं इन कर्मचारियों को सरकार ने डीए किस्त भी नहीं दी है. जबकि अन्य सरकारी कर्मचारियों को बीते अप्रैल माह में डीए की 3 फीसदी किस्त दी गई थी. बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों को आखिरी बार पूर्व जयराम सरकार के समय में ही डीए की किस्त मिली थी. लेकिन जनवरी 2022 के बाद इन कर्मचारियों को एक भी डीए किस्त नहीं दी गई है. अपनी मांगों लेकर जिला परिषद कैडर कर्मचारियों बीते जून माह में एक दिन का सामूहिक अवकाश भी कर चुके हैं. हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान भी इन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था.

जिला परिषद कैडर पंचायत सचिव संगठन के अध्यक्ष अमित जसरोटिया ने कहा है कि प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि उनकी मांगों का समर्थन कर रहे हैं. कई जगह पंचायत प्रधानों और अन्य प्रतिनिधियों ने सरकार को ज्ञापन भेजे हैं और जिला परिषद कैडर कर्मियों की विभाग में मर्ज करने की एक मात्र मांग मानने का आग्रह किया हैं. उन्होंने कर्मचारियों की ओर से एक बार सरकार से मांग की है कि वे उनकी विभाग में मर्ज करने को लेकर तुरंत फैसला ले, जिससे कि आम लोगों को हड़ताल की वजह से कोई असुविधा न हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details