शिमला:प्रदेश में जिन निजी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को आयोग की ओर से अयोग्य घोषित किया गया था, वहां अब नए कुलपतियों की नियुक्ति के आदेश दिए गए हैं. आयोग की ओर से विश्वविद्यालयों को 25 फरवरी तक का समय दिया गया है.
यूजीसी के नियमों के तहत नियुक्ति के आदेश
25 फरवरी से पहले नए कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा करना होगा. तय अवधि तक कुलपतियों की नियुक्ति करने के आदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की ओर से जारी किए गए हैं. इसके साथ ही आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नए कुलपतियों की नियुक्ति यूजीसी के नियमों के तहत ही की जाए और कुलपतियों का पूरा ब्योरा आयोग को भेजा जाए.
निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय पर नजर
नियामक आयोग की ओर से की गई कार्रवाई के बाद अब आयोग ने इन विश्वविद्यालयों को चेताया है कि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं कुलपति के पद पर नियुक्ति को लेकर सामने नहीं आनी चाहिए. आयोग की ओर से अब निजी विश्वविद्यालयों, निजी कॉलेजों पर नजर रखने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही जांच भी की जा रही है, जिससे कि निजी शिक्षण संस्थानों में हो रही अनियमितताओं को रोका जा सके.
क्यूआर कोडिंग के माध्यम से निगरानी
आयोग की ओर से क्यूआर कोडिंग के माध्यम से निजी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों पर नजर रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. क्यूआर कोड के माध्यम से जिन शिक्षण संस्थानों की शिकायतें आएंगी, उनका तुरंत समाधान किया जाएगा. छात्र अपनी हर समस्या जैसे फीस, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर इन सभी के बारे में आसानी से पता लगा पाएंगे. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया भी आयोग ने पूरी कर दी है. इनके साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों पर नजर रखने के लिए ऑनलाइन मैनेजमेंट सिस्टम की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
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