शिमला : कांग्रेस ने हिमाचल में ओपीएस वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद 10 दिन के भीतर ओपीएस बहाल कर दी जाएगी. कांग्रेस ने हिमाचल की सत्ता संभाल ली है, लेकिन दस दिन के भीतर OPS बहाली का वादा पूरा नहीं होगा. डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कई बार दोहराया था कि दस दिन के भीतर ओपीएस की घोषणा होगी. डिप्टी सीएम ने मीडिया से भी कहा था कि कैबिनेट की जरूरत नहीं है, सीएम और डिप्टी सीएम मिलकर 10 दिन में वादा पूरा करेंगे. गौरतलब है कि हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था, जिसे देखते हुए कांग्रेस ने नई सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट में ओपीएस और एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था. 8 दिसंबर को चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला और 11 दिसंबर को सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री और मुकेश अग्निहोत्री ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. लेकिन 10 दिन वाला वाद पूरा होता नहीं दिख रहा है. (OPS in Himachal) (Himachal Govt on OPS)
मंत्रिमंडल गठन के बाद राय ली जाएगी- वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का मानना है कि पहले प्रॉपर तरीके से कैबिनेट का गठन हो जाए, फिर इस पर सभी मंत्रियों की राय लेकर घोषणा की जाए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. ऐसे में 22 दिसंबर से तय विधानसभा सत्र भी अब टल गया है. इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ओपीएस बहाली सहित पहली कैबिनेट में एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा तय समय में पूरा नहीं होगा. (Sukhu Govt on OPS)
OPS पर सरकार की तैयारी- वहीं, सीएम के निर्देश पर वित्त विभाग के अफसर ओपीएस की बहाली को लेकर रोडमैप तैयार करने में जुटे हैं. हिमाचल में 1.12 लाख कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम के तहत सेवारत हैं. वित्त विभाग ने सभी विभागों से कर्मचारियों का डाटा मंगवाया है. सभी विभागों में सभी वर्गों के कर्मचारियों की नियुक्ति तिथि से लेकर सर्विस रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार कर्मचारियों को अपने वादे के अनुसार ओपीएस का लाभ देने के लिए गंभीर है. मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना से कहा है कि सभी पहलुओं पर विस्तृत प्रेजेंटेशन तैयार की जाए. सरकार चाहती है कि ओपीएस बहाली से पहले सारे पहलुओं का अध्ययन अच्छे से कर लिया जाए, ताकि इसे लागू करने में कोई अड़चन ना आए. (Old Pension Scheme in Himachal)