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नेता प्रतिपक्ष का सरकार पर हमला, कहा: CM ने सबसे ज्यादा कर्ज लेने का रिकॉर्ड दर्ज किया - हिमाचल विधानसभा बजट सत्र

जयराम सरकार द्वारा बजट पेश करने के बाद अब विधानसभा में बजट अनुमान पर चर्चा शुरू हो गई है. बुधवार को प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बजट अनुमान पर चर्चा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का बजट पेपरलेस के बजाय डायरेक्शन लेस है.

opposition leader mukesh agnihotri on jaiarm government
मुकेश अग्निहोत्री, नेता प्रतिपक्ष

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Published : Mar 11, 2020, 3:35 PM IST

शिमला: जयराम सरकार द्वारा बजट पेश करने के बाद अब विधानसभा में बजट अनुमान पर चर्चा शुरू हो गई है. बुधवार को प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने बजट अनुमान पर चर्चा के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का बजट पेपरलेस के बजाय डायरेक्शन लेस है.

सरकार साल भर शोर मचाते रहे हैं कि विकास हो रहा है. विकास दर 7.1 से घटकर 5.60 पर पहुंच गई है. मुख्यमंत्री को विकास न कर पाने के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. मुकेश ने कर्ज को लेकर भी जयराम सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि जयराम ठाकुर कर्जे लेने के लिए सबसे मंहगे मुख्यमंत्री साबित हुए हैं और उनके नाम सबसे ज्यादा कर्ज लेने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ है.

जयराम सरकार अपने इस कार्यकाल में अब तक 10 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज ले चुके हैं. हिमाचल में लोन बढ़ रहा है और विकास दर घट रही है. सरकार ने 6160 करोड़ का कर्ज लिया है. सरकार बजट मैनेजमेंट एक्ट की धज्जियां उड़ा दी है. सरकार 3 फीसदी कर्ज ले सकती है लेकिन अब तक चार फीसदी से ज्यादा लोन ले चुके हैं.

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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले साल 5 हजार करोड़ कर्ज लेने की बात कही थी लेकिन सरकार ने 6160 करोड़ का कर्ज लिया है. मुख्यमंत्री ने बजट में यह नहीं बताया कि कितना कर्ज हो गया, कितना कर्ज लिया. सरकार ने सबसे बड़ी बेईमानी गैप फंडिंग को लेकर की है. पहले साल कहा कि कर्ज से पूरा करेंगे गैप फंडिंग और इस बार बोल रहे हैं केंद्र सरकार और फौरन फंडिंग से गैप फंडिंग पूरा करेंगे. जबकि फौरन फंडिंग में कोई प्रोजेक्ट ही क्लियर नहीं हुआ है.

मुकेश ने आरोप लगाया कि बजट में हकीकत को सरकार द्वारा छुपाया गया है. राजकोषी घाटा 7272 करोड़ का है और बजट में लिखना चाहिए था कि इन चीजें से किस तरह से वित्तीय माहौल खराब होगा. प्रदेश में वित्तीय अराजकता का माहौल रहा है सभी विभाग घाटे में है. रिसॉर्स जनरेशन के लिए सरकार कुछ नहीं कर पा रही है. जिससे वित्तीय स्थिति खराब हो गई है.

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