शिमला: राजस्व-आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के कारण संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, जिससे यह जरूरी हो गया है कि सरकारी और गैर-सरकारी संगठन आपसी तालमेल से काम करें. उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर भी सभी प्रकार की आपदाओं के उचित प्रबंधन के लिए सभी राज्य सरकारें और जिला प्रशासन, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) समेत सभी हितधारकों के साथ तालमेल व समन्वय के साथ कार्य किया जाए.
सरकार के साथ गैर-सरकारी संगठन और स्वयंसेवक कोविड-19 की रोकथाम के लिए आगे आएं : ओंकार चंद शर्मा - Disaster management act
कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के कारण राजस्व-आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर काम करने के लिए कहा है. कुछ जिलों में गैर-सरकारी संगठनों ने निजी स्तर पर जागरूकता कार्य और संक्रमण के लिए अति-संवेदनशील व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने के लिए अभियान शुरू कर दिए हैं.
ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुच्छेद 38(2), 22(2) और 30(2) के अनुसार सभी राज्य और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के लिए आपदा प्रबंधन के कार्यों को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग और समन्वय के साथ कार्य करें.
प्रधान सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम और इससे जुड़े राहत, बचाव व जागरूकता संबंधी गतिविधियों में गैर-सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों के योगदान को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है. इस दिशा में प्रयास करते हुए प्राधिकरण ने राज्य व जिला स्तर पर गठित इंटर एजेंसी ग्रुप को सक्रिय करने के लिए सुझाव दिए हैं, जिसमें जिला स्तर पर सभी गैर-सरकारी संस्थाओं से समन्वय के लिए एक पदाधिकारी को नियुक्त करने और हर जिले के इंटर एजेंसी ग्रुप के संयोजक को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ मिलकर काम करने के लिए अनुरोध किया गया है.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में राज्य इंटर एजेंसी ग्रुप का पुनर्गठन किया गया था, जिसके अंतर्गत अभी तक 55 गैर-सरकारी संस्थाएं पंजीकृत हो चुकी हैं और प्रदेश के हर जिले का अपना इंटर एजेंसी ग्रुप, संयोजक, कोर ग्रुप और सदस्य हैं, जिनका उद्देश्य किसी भी आपदा में राज्य सरकार और जिला प्रशासन के साथ मिलकर पूर्व-तैयारी, राहत, बचाव और पुनर्वास गतिविधियों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करना है.
वहीं, कुछ जिलों में गैर-सरकारी संगठनों ने निजी स्तर पर जागरूकता कार्य और संक्रमण के लिए अति-संवेदनशील व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने के लिए अभियान शुरू कर दिए हैं. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य में कोविड-19 से निपटने के लिए स्वयंसेवकों को पंजीकृत करने की पहल की है. इस डेटाबेस में स्वैच्छिक सेवा करने के लिए 950 से अधिक हिमाचली नागरिक तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ‘माई गौव-मेरी सरकार’ वेबसाइट पर भी बहुत से स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं देने के लिए पंजीकरण किया है, जिनकी सेवाएं भी कोरोना के विरुद्ध इस अभियान में ली जा सकती है.