शिमलाः आज से ठीक एक साल पहले देशभर में लॉकडाउन लगाने का एलान किया था. कोरोना के खिलाफ जंग में हिमाचल को एक साल हो चुका है. इस दौरान प्रदेश ने कई उतार-चढ़ाव देखे. शुरुआत में सख्त कदमों और एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान से हिमाचल में कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण रखा. यही नहीं हिमाचल की रणनीति को केंद्र सरकार ने भी सराहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान को शाबाशी भी दी.
मौजूदा समय में बढ़ने लगा कोरोना का ग्राफ
एक साल के भीतर हिमाचल ने कई उतार-चढ़ाव देखे और मौजूदा समय में कोरोना का ग्राफ फिर से बढ़ गया है. एक साल पहले जब कोरोना ने दस्तक दी थी तो हिमाचल ने कई सख्त कदम उठाए थे. ऐसी ही सख्ती का परिणाम था कि लंबे समय तक हिमाचल में कोरोना को पांव पसारने का मौका नहीं मिला. हिमाचल सरकार ने 14 मार्च को सभी शिक्षण संस्थान और सिनेमाघर पहले चरण में 31 मार्च तक बंद कर दिए. उस समय तक हिमाचल में कोरोना से प्रभावित विश्व के अन्य देशों से 593 लोग आ चुके थे. उनमें से कोई भी कोरोना पॉजिटिव नहीं था. केवल 7 लोगों को खांसी और जुकाम की शिकायत थी इन सभी की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई थी.
19 मार्च को देशी और विदेशी सैलानियों पर लगा प्रतिबंध
सरकार ने 19 मार्च को देशी और विदेशी सैलानियों के हिमाचल आने पर प्रतिबंध लगा दिया. 21 मार्च से एचआरटीसी व प्राइवेट बसों के संचालन में भी 50 फीसदी की कमी कर दी. फिर 21 मार्च को सर्वदलीय बैठक में कोरोना वायरस से लड़ाई का संकल्प लिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था. इसी दिन हिमाचल सरकार ने राज्य की सीमाएं सील कर दी.
23 मार्च को विधानसभा का बजट सत्र स्थगित
23 मार्च को विधानसभा का बजट सत्र स्थगित कर दिया गया और लॉकडाउन की घोषणा की गई. कांगड़ा में तो पहले से ही लॉकडाउन था. इस तरह 23 मार्च को पूरे प्रदेश में इसे लागू कर दिया गया. सरकारी कार्यालय 26 मार्च तक बंद किए गए थे. इसी बीच 23 मार्च को ही तिब्बती मूल के एक बुजुर्ग की मौत हो गई. वह अमेरिका से आया था. 24 मार्च को पूरे प्रदेश में कर्फ्यू लागू करने के बाद सरकार ने हेल्थ डिपार्टमेंट को पहले चरण में 10 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि मंजूर की.
3 अप्रैल तक तीन मामले थे पॉजिटिव
यदि कोरोना के सैंपल की बात की जाए तो 29 मार्च को सभी 17 सैंपल नेगेटिव आए थे. कुल 2673 लोगों को निगरानी में रखा गया. इसी दौरान सभी शिक्षण संस्थान 14 अप्रैल तक बंद कर दिए गए. हिमाचल में तबलीगी जमात की वजह से करोना के मामले आए थे. 3 अप्रैल तक तीन मामले पॉजिटिव थे. उसके बाद तबलीगी जमात के कारण अचानक से मामले बढ़े बाद में बढ़कर 11 हो गए और वह सभी जमात से जुड़े हुए थे.