शिमला: मान्यता प्राप्त संस्थानों से एक साल का कोर्स करने वाले अभ्यर्थी एनटीटी भर्ती के लिए पात्र होंगे. इनकी नियुक्ति होने पर शिक्षा विभाग इन शिक्षकों को एक साल का ब्रिज कोर्स करवाएगा. एनसीटीई यानी नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन के दिशा निर्देशों के मुताबिक एनटीटी शिक्षकों के लिए दो साल का कोर्स अनिवार्य है लेकिन राज्य के अधिकतर युवाओं ने एक साल का कोर्स किया है. शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात इसमें रियायत देने की मांग की थी. इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनसीटीई ने मान्यता प्राप्त संस्थानों से एक साल का कोर्स करने वालों की नियुक्ति को देने के हिमाचल सरकार के आग्रह को मान लिया है. ऐसे में नियुक्ति होने पर इन शिक्षकों को छह माह का ब्रिज कोर्स कराया जाएगा. इससे हिमाचल में इन शिक्षकों की भर्तियों का रास्ता साफ हो गया है.
दरअसल एनसीटीई ने 2014 में एनटीटी भर्तियों के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए थे, जिनमें एनटीटी भर्तियों के लिए दो साल का कोर्स जरूरी किया गया है. हिमाचल की बात करें तो 2014 से पहले हिमाचल में कोई भी संस्थान एनटीटी की ट्रेनिंग के नहीं करवा रहे थे. ऐसे में युवाओं ने बाहरी राज्यों से यह कोर्स किया है और वहां भी तब एक साल का ही कोर्स था. हिमाचल में 4700 एनटीटी के पदों को भरा जाना है और राज्य में करीब 9 से 10 हजार एनटीटी का प्रशिक्षण लिए हुए हैं. लेकिन ये एनसीटीई की शर्तों के कारण इन भर्तियों के लिए पात्र नहीं है. यही वजह है कि राज्य सरकार इन पदों नहीं भर पा रही थी और इनके लिए केंद्र से मिलने वाली ग्रांट भी हर साल लेप्स हो रही थी. बीते साल भी 47 करोड़ की ग्रांट लेप्स हुई है. अभी तक जिन स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू की गई हैं, वहां पर जेबीटी टीचर्स ही पढ़ा रहे हैं. हालात यह है कि कई जगह सिंगल टीचर है और उसके पास प्री नर्सरी कक्षाओं का दायित्व भी है.