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स्पेशल: हिमाचल में आबादी से डेढ़ गुना ज्यादा मोबाइल फोन कनेक्शन, अरबों का रिचार्ज कराते हैं हिमाचली

ट्राई के अक्टूबर और नवंबर के आंकड़ो के हिसाब से हिमाचल देश भर में टेली डेंसिटी के मामले में दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर है. हिमाचल में हर 100 लोगों के पास 150 मोबाइल कनेक्शन हैं. TRAI के मुताबिक करीब 70 लाख की आबादी वाले हिमाचल में एक करोड़ 9 लाख से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन हैं. इसके साथ ही देश भर में बीएसएनएल की स्थिति भी हिमाचल में ही सबसे बेहतर है.

tele density in himachal pradesh
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Published : Mar 10, 2021, 1:47 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 9:00 AM IST

शिमला: साक्षरता के मोर्चे पर देश में अव्वल राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश के लोग मोबाइल फोन के इस्तेमाल में भी काफी आगे हैं. ट्राई(टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में लोग महीने भर में मोबाइल फोन में टॉक टाइम और इंटरनेट पर पांच अरब रुपये से अधिक की रकम खर्च करते हैं.

करीब 70 लाख की आबादी वाले हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर 2020 तक 1 करोड़ 9 लाख 44 हजार 269 मोबाइल उपभोक्ता थे. हिमाचल प्रदेश की टेली डेंसिटी पूरे भारत में सबसे अधिक है. छोटे से राज्य हिमाचल में टेली डेंसिटी 149.90 फीसदी से भी अधिक है. यहां हर व्यक्ति के पास एक से अधिक मोबाइल फोन तो हैं ही लेकिन सिम कार्ड भी लोग एक से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. ज्यादातर लोग अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं.

वीडियो.

टेलीडेंसिटी का मतलब

टेलीडेंसिटी का मतलब हर 100 लोगों के पास कितने टेलीफोन कनेक्शन हैं. ट्राई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश भर में दिल्ली 274 फीसदी टेली डेंसिटी के साथ सबसे टॉप पर हैं. यानि हर सौ लोगों के पास 274 मोबाइल कनेक्शन हैं. या फिर यूं कहें कि 274 एक्टिव सिम कार्ड हैं. इसी तरह हिमाचल प्रदेश149.90 फीसदी टेली डेंसिटी के साथ देश भर में दूसरे नंबर पर रहा है. इस तरह हिमाचल में भी सौ लोगों के पास 149 मोबाइल फोन कनेक्शन हैं. वहीं, पूरे भारत की अगर बात करें तो कुल टेली डेंसिटी 86.23 फीसदी है.

बीएसएनएल की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर

हैरान करने वाली बात यह भी है कि हिमाचल में लोग अन्य मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के साथ ही सरकारी उपक्रम बीएसएनएल का भी इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हैं. देश के बाकी राज्यों के मुकाबले हिमाचल में बीएसएनएल की स्थिति सबसे बेहतर है.

एक महीने का खर्च करीब 2 अरब रुपये से अधिक

हिमाचल में बीएसएनएल पर भरोसा करने वालों की संख्या का आंकड़ा भी 30 लाख के करीब है. इसमें से करीब 14 लाख एक्टिव यूजर हैं. अगर मोबाइल उपभोक्ताओं के महीने के औसतन खर्च को 200 रुपये भी माना जाए, तो एक महीने का खर्च 2 अरब रुपये से अधिक बैठता है.

हिमाचल में बीएसएनएल के करीब 14 लाख एक्टिव यूजर्स

बीएसएनएल के महाप्रबंधक अखिलेश कुमार गुप्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बीएसएनल एक समय पर नंबर वन ऑपरेटर था. आज भी बीएसएनएल का मार्केट शेयर 24 से 26 फीसदी है. वर्तमान समय में प्रदेश में बीएसएनएल के करीब 14 लाख एक्टिव यूजर्स हैं.

सिर्फ शिमला जिला में 4.5 लाख उपभोक्ता

सिर्फ शिमला जिला में ही बीएसएनएल के साढ़े चार लाख उपभोक्ता हैं. जिनसे एक महीने में बीएसएनएल को दो करोड़ से अधिक का रेवेन्यू मिल रहा है. हर महीने 5 से 6 हजार लोग बीएसएनएल से जुड़ रहे हैं. अब बीएसएनएल भी अपनी सेवाओं को 4 जी और 5 जी की तरफ ले जा रहा है, जिसके लिए कार्य भी शुरू कर दिया गया है.

हिमाचल में मोबाइल ऑपरेटर की रैंकिंग

वहीं, ट्राई (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की तरफ से बीते साल अक्टूबर और नवंबर के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में सबसे ज्यादा वायरलेस सब्सक्राइबर रिलायंस जियो के पास है. दूसरे नंबर पर भारती एयरटेल है. हालांकि इसमें टाटा टेलीकॉम के उपभोक्ता भी शामिल है. तीसरे नंबर पर बीएसएनएल और चौथे नंबर पर वोडाफोन-आइडिया है. अक्टूबर और नवंबर के दौरान ही 31,513 नए उपभोक्ता जुड़े हैं.

भारत में टेलीडेंसिटी के मामले में नंबर 2 पर है हिमाचल

टेली डेंसिटी के मामले में दूसरे नंबर पर हिमाचल

टेली डेंसिटी के मामले में दिल्ली पहले स्थान पर है. दिल्ली में हर 100 लोगों पर करीब 274 मोबाइल कनेक्शन हैं. इसके बाद हिमाचल, केरल, पंजाब और तमिलनाडु का नंबर आता है. इसी तरह देश में सबसे कम टेली डेंसिटी की बात करें तो उसमें बिहार सबसे नीचे है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, ओडिशा इस सूची में शामिल है, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि हिमाचल सिर्फ 70 लाख की आबादी वाला प्रदेश है और टेली डेंसिटी के मामले में देश भर में दूसरे नंबर पर है.

भारत में टेलीडेंसिटी के मामले में नंबर 2 पर है हिमाचल

कोरोना काल में मोबाइल ऑपरेटरों की चांदी

कोरोना काल में बच्चों की ऑनलाइन क्लास से लेकर वर्क फ्रॉम होम कल्चर और मनोरंजन के लिए इंटरनेट पर निर्भरता से इन कंपनियों की चांदी कर दी है. इस हिसाब से करीब 1 करोड़ 9 लाख मोबाइल कनेक्शन वाले छोटे पहाड़ी राज्य में मोबाइल कंपनियों को होने वाले मुनाफे की कल्पना भी की जा सकती है. वैसे कोरोना काल में इस मुनाफे में इजाफा ही हुआ है. ऐसे में महज 70 लाख की आबादी वाले हिमाचल में मोबाइल नेटवर्क कंपनियों का विस्तार करने का फैसला फायदे का सौदा साबित हो रहा है.

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Last Updated : Mar 11, 2021, 9:00 AM IST

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