शिमला: साक्षरता के मोर्चे पर देश में अव्वल राज्यों में शुमार हिमाचल प्रदेश के लोग मोबाइल फोन के इस्तेमाल में भी काफी आगे हैं. ट्राई(टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में लोग महीने भर में मोबाइल फोन में टॉक टाइम और इंटरनेट पर पांच अरब रुपये से अधिक की रकम खर्च करते हैं.
करीब 70 लाख की आबादी वाले हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर 2020 तक 1 करोड़ 9 लाख 44 हजार 269 मोबाइल उपभोक्ता थे. हिमाचल प्रदेश की टेली डेंसिटी पूरे भारत में सबसे अधिक है. छोटे से राज्य हिमाचल में टेली डेंसिटी 149.90 फीसदी से भी अधिक है. यहां हर व्यक्ति के पास एक से अधिक मोबाइल फोन तो हैं ही लेकिन सिम कार्ड भी लोग एक से अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं. ज्यादातर लोग अलग-अलग कंपनियों के सिम कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं.
टेलीडेंसिटी का मतलब
टेलीडेंसिटी का मतलब हर 100 लोगों के पास कितने टेलीफोन कनेक्शन हैं. ट्राई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश भर में दिल्ली 274 फीसदी टेली डेंसिटी के साथ सबसे टॉप पर हैं. यानि हर सौ लोगों के पास 274 मोबाइल कनेक्शन हैं. या फिर यूं कहें कि 274 एक्टिव सिम कार्ड हैं. इसी तरह हिमाचल प्रदेश149.90 फीसदी टेली डेंसिटी के साथ देश भर में दूसरे नंबर पर रहा है. इस तरह हिमाचल में भी सौ लोगों के पास 149 मोबाइल फोन कनेक्शन हैं. वहीं, पूरे भारत की अगर बात करें तो कुल टेली डेंसिटी 86.23 फीसदी है.
बीएसएनएल की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर
हैरान करने वाली बात यह भी है कि हिमाचल में लोग अन्य मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के साथ ही सरकारी उपक्रम बीएसएनएल का भी इस्तेमाल करने में पीछे नहीं हैं. देश के बाकी राज्यों के मुकाबले हिमाचल में बीएसएनएल की स्थिति सबसे बेहतर है.
एक महीने का खर्च करीब 2 अरब रुपये से अधिक
हिमाचल में बीएसएनएल पर भरोसा करने वालों की संख्या का आंकड़ा भी 30 लाख के करीब है. इसमें से करीब 14 लाख एक्टिव यूजर हैं. अगर मोबाइल उपभोक्ताओं के महीने के औसतन खर्च को 200 रुपये भी माना जाए, तो एक महीने का खर्च 2 अरब रुपये से अधिक बैठता है.
हिमाचल में बीएसएनएल के करीब 14 लाख एक्टिव यूजर्स
बीएसएनएल के महाप्रबंधक अखिलेश कुमार गुप्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में बीएसएनल एक समय पर नंबर वन ऑपरेटर था. आज भी बीएसएनएल का मार्केट शेयर 24 से 26 फीसदी है. वर्तमान समय में प्रदेश में बीएसएनएल के करीब 14 लाख एक्टिव यूजर्स हैं.