शिमला:बिजली कर्मचारियों ने बोर्ड प्रबंधन को ओल्ड पेंशन बहाली को लेकर अल्टीमेटम दे दिया है. कर्मचारियों ने कहा है कि अगर 21 जून तक उनकी ओल्ड पेंशन बहाल नहीं की जाती तो वे आंदोलन छेड़ देंगे. कर्मचारियों का कहना है कि एक ओर सरकार ने सभी विभागों और एचआरटीसी कर्मियों की भी ओल्ड पेंशन बहाल कर दी है, वहीं बिजली कर्मचारियों को अभी तक ओल्ड पेंशन देने का फैसला बोर्ड प्रबंधन ने नहीं किया है. इस तरह इस माह भी कर्मचारियों का एनपीएस कंट्रीब्यूशन कटने की संभावना बढ़ गई है.
OPS को लेकर आंदोलन के मूड में बिजली कर्मचारी: हिमाचल में बिजली कर्मचारी फिर से आंदोलन कर सकते हैं. कर्मचारियों को पुरानी पेंशन अभी तक देने का फैसला नहीं लिया गया है. हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिजली कर्मचारियों को सैद्धांतिक तौर पर पेंशन देने की बात कही थी, लेकिन बोर्ड प्रबंधन अभी तक इसको लेकर कोई फैसला नहीं कर पाया है. पेंशन बहाली की फाइल सचिवालय में दबी हुई है. बताया जा रहा है कि यह फाइल पहले वित्त विभाग के पास पहुंच गई थी, लेकिन वित्त विभाग ने इस पर कुछ आपत्ति लगाकर विभाग को भेजा था, जिसके बाद फिर से यह फाइल वित्त विभाग के पास पहुंच गई है, लेकिन अभी तक अभी तक इसको क्लीयर नहीं किया गया है.
बिजली कर्मचारियों का टूट रहा सब्र का बांध:एक ओर जहां अन्य विभागों के कर्मचारियों को अप्रैल माह से ओल्ड पेंशन देने का सरकार ने फैसला लिया है. वहीं, बिजली बोर्ड के कर्मचारी ओल्ड पेंशन लागू करने के फैसले का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. बिजली कर्मचारियों की एनपीएस कंट्रीब्यूशन इस माह भी कटने की संभावना है, हालांकि बिजली बोर्ड ने पिछले दो माह की कंट्रीब्यूशन जमा नहीं करवाई है, इस तरह बिना किसी सूचना के कंट्रीब्यूशन बंद करने पर बोर्ड कर्मचारियों पर पैनल्टी भी लग सकता है.
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OPS की मांग को लेकर पहले भी कर चुके रैली: इससे पहले कर्मचारी ओल्ड पेंशन बहाली की मांग को लेकर शिमला में बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस में बड़ी रैली कर चुके हैं. तब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हस्तक्षेप कर कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि उनकी पेंशन बहाल कर दी जाएगी. इसके बाद बोर्ड प्रबंधन को इसको लेकर या तो बीओडी में फैसला करना था या सर्विस कमेटी की बैठक में इसका प्रस्ताव पारित करवाया जाना था, लेकिन अभी तक न तो बोर्ड की और न ही सर्विस कमेटी की कोई बैठक तय हुई. यही वजह है कि कर्मचारियों मे रोष बढ़ता ही जा रहा है. कर्मचारियों ने अब साफ कह दिया है कि अगर 21 जून तक उनको पेंशन लेने पर कोई फैसला नहीं होता तो, वे आंदोलन करेंगे.
एक माह पहले हुई थी सर्विस कमेटी की बैठक:करीब एक माह पहले बिजली बोर्ड की सर्विस कमेटी की बैठक हुई थी. कर्मचारियों को उम्मीद थी कि इसमें ओल्ड पेंशन का फैसला होगा, लेकिन कर्मचारियों की मानें तो बोर्ड की ओर से इस बैठक में ओपीएस का एजेंडा ही नहीं रखा गया. यही वजह है कि कर्मचारियों ने 25 मई को शिमला में बड़ा प्रदर्शन कर पेंशन बहाली की मांग रखी थी. हालांकि, तब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों को पेंशन देने के मौखिक आदेश दे दिए, लेकिन अभी तक इन आदेश पर कोई पालन नहीं हुआ.
21 जून को आंदोलन की चेतावनी: बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा ओल्ड पेंशन की नोटिफिकेशन जारी होने के बाद सरकारी विभागों के साथ-साथ उन बोर्डों में भी इसको लागू कर दिया गया है, जहां ओल्ड पेंशन थी, लेकिन एक मात्र बिजली बोर्ड है, जहां कर्मचारियों को ओपीएस से वंचित रखा गया है. यह बिजली कर्मचारियों के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बारे में बिजली बोर्ड प्रबंधन को मौखिक आदेश दे चुके हैं, लेकिन इसकी फाइल को अभी तक पेंडिंग रखा गया है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों ने 21 जून तक बोर्ड को पेंशन बहाली का अल्टीमेटम दिया है. अगर इस समय तक पेंशन बहाल करने का फैसला नहीं लिया जाता तो, कर्मचारी बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेवारी बोर्ड की होगी.
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