शिमला: ढाई साल में कमजोर रहे मुख्यमंत्री कार्यालय को मजबूत करने के लिए तमाम पुराने चेहरों को हटाया जा रहा है. पहले मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर रोहित सावल और फिर प्रधान निजी सचिव विनय सिंह की कुर्सियां छीनी गई. मुख्यमंत्री के ओएसडी महेंद्र धर्माणी और संघ की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात किए गए त्रिलोक जम्वाल की कुर्सियां छीनी जा रही हैं. चंद घंटों में नहीं तो चंद दिनों में ही इन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखाने का इंतजाम हो चुका है.
ऐसा बीजेपी और संघ से जुड़े भरोसेमंद सूत्र बताते हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय को मजबूती प्रदान करने के लिए संघ और संगठन दोनों ही अनुभवी राजनीतिज्ञों की तैनाती पर जोर डाल रहे हैं. ऐसे में अब तक के सबसे कामयाब रहे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती और अनुभवी नेता रणधीर शर्मा को महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती दी जा सकती है. हालांकि, धूमल सरकार के समय यह दोनों ही प्रेम कुमार धूमल के नजदीकी माने जाते रहे हैं.
सत्ती की अध्यक्षता में पार्टी ने दिसंबर 2012 की विधानसभा चुनावों के अलावा तमाम चुनाव जीते और यह सिलसिला उपचुनावों तक जारी रहा. प्रदेश में बीजेपी इन दिनों बिना मुखिया के चल रही है. दिल्ली, छत्तीसगढ़ और मणिपुर में बीजेपी प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति हो जाने के बाद प्रदेश में बीजेपी नेताओं का कहना है कि अब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति में ज्यादा देर नहीं लगेगी.
राजनीतिक पंडितों के अनुसार अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वही बनेगा जिसके ऊपर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सहमति होगी, ताकि सरकार और संगठन में तकरार ना हो. हालांकि, बीजेपी में अचंभित करने वाले फैसले भी हो सकते हैं. ऐसे में संघ की पसंद और अब तक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के भरोसे पर खरा उतरने वाले त्रिलोक जम्वाल को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर ताजपोशी की जा सकती है. त्रिलोक जम्वाल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के भी खासे करीबी माने जाते हैं.
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