शिमलाःहिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा लगाए जाने का विरोध शुरू हो गया है. हिमाचल प्रदेश की एनएसयूआई इकाई ने इस बारे में अपना विरोध दर्ज करवाया है.
अटल की प्रतिमा लगाने का विरोध
एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि प्रोफेसर सिकंदर कुमार एक विशेष विचारधारा पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में जहां विश्वविद्यालय प्रशासन को विद्यार्थियों को राहत देने के बारे में सोचना चाहिए. वहीं, इस समय पर प्रशासन की ओर से विशेष विचारधारा के लोगों को खुश करने के लिए अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा लगाई जा रही है.
वीनू मेहता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का हिमाचल प्रदेश की शिक्षा में कोई योगदान नहीं रहा है. ऐसे में उनकी प्रतिमा का लगाया जाना बिलकुल भी सही नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा कि विशेष विचारधारा पर काम कर प्रोफेसर सिकंदर कुमार अपने बड़े नेताओं को खुश करने में जुटे हुए हैं.
'आकाओं को खुश करने में लगे हैं वीसी'
एनएसयूआई के उपाध्यक्ष वीनू मेहता ने कहा कि संकट के समय में विश्वविद्यालय प्रशासन को विद्यार्थियों को राहत देने के बारे में सोचना चाहिए न कि अपने 'आकाओं' को खुश करने के बारे में. एनएसयूआई ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा लगाए जाने पर कड़ा एतराज जताया है. एनएसयूआई प्रशासन से इस संकट के दौर में विद्यार्थियों को राहत देने की मांग की है.
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