शिमलाः युवा एवं खेल मामलों मंत्रालय भारत सरकार के आह्वाहन पर उत्कृष्ट शिक्षा केंद्र, राजकीय महाविद्यालय संजौली के एनएसएस स्वयंसेवियों ने 'पढ़ो और पढ़ाओ' अभियान के तहत उन बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा उठाया है जिनकी स्कूली पढ़ाई कोरोना के तहत लगे लॉकडाउन की वजह से बाधित हो गई थी.
एनएसएस इकाई के 14 से अधिक स्वयंसेवीयों ने ली जिम्मेवारी
इस अभियान के तहत संजौली महाविद्यालय की एनएसएस इकाई के 14 से अधिक स्वयंसेवी अपने-अपने गांव में रोज बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इनमें से निशांत कंवर गूगल क्लासरूम ऐप के जरिए 'भारतीय अर्थव्यवस्था' की निशुल्क कक्षाएं भी ले रहे हैं, जिसमें उनके साथ सिविल सेवा के कई अभ्यर्थी भी जुड़े हैं.
अध्यापकों ने की सराहना
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. चंद्रभान मेहता तथा एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मीनाक्षी शर्मा और डॉ. विकास नाथन ने स्वयंसेवियों की इस पहल की सराहना की है.
क्या कहना है एनएसएस इकाई के अध्यक्ष का
इस पहल पर महाविद्यालय एनएसएस इकाई के अध्यक्ष भगत सिंह ठाकुर ने कहा कि इस अभियान का विचार स्वयंसेवियों को केंद्रीय युवा एवं खेल मामलों के मंत्रालय के एक आह्वाहन से आया जिसमें सभी स्वयंसेवियों से स्कूली छात्रों की पढ़ाई मे मदद करने का आह्वान किया गया था. हिमाचल प्रदेश में मौजूदा दौर में स्कूली छात्रों की मिड टर्म परीक्षाएं चली है. ऐसे में स्वयंसेवियों को इस बात की आवश्यकता महसूस हुई कि आस-पास के ग्रामीण बच्चों को इस बुरे दौर में पढ़ाया जाए. भविष्य में इस अभियान में और स्वयंसेवियों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा.
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