शिमला:हिमाचल सरकार के अधिकारियों की विदेशी दौरे या ट्रेनिंग पर जाने के लिए फाइल सीधे सीएम ऑफिस या संबंधित मंत्रियों के दफ्तर नहीं जाएगी. सरकार ने साफ किया है कि इनको पहले मुख्य सचिव के दफ्तर भेजना होगा और इसके बाद यहां से फाइल मंत्रियों या सीएम दफ्तर जाएंगी. अभी तक कई विभागों से सीधे मंत्री या मुख्यमंत्री दफ्तर को फाइलें भेजी जा रही हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सरकार विभागों को इस बारे में कड़े निर्देश जारी किए हैं.
हिमाचल के कई अधिकारी मुख्य सचिव के ध्यान में लाने की बजाए सीधा विदेशी टुअर पर जा रहे हैं. इनके विभागों से टुअर की फाइल सीधे संबंधित मंत्रियों के दफ्तर सीधी भेजी जा रही है. मुख्यमंत्री के पास जिन विभागों का कामकाज है, वहां भी इस तरह की फाइलें पहुंच रही है. साफ है कि अफसरों के टुअर के लिए मुख्य सचिव की अनुमति नहीं ली जा रही है. इसको लेकर सरकार ने कड़ा संज्ञान लिया है. मुख्य सचिव की ओर से इस बारे में कार्मिक विभाग के माध्यम से शुक्रवार को निर्देश जारी किए गए हैं कि भविष्य में विदेश के टुअर की फाइल मुख्य सचिव के माध्यम से ही संबंधित विभाग के मंत्री या फिर मुख्यमंत्री को भेजी जाए.
अफसरों के टुअर की फाइल मुख्य सचिव से होकर CM तक जाएगी ये भी पढ़ें:ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज सचिव पहुंचे ऊना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की ली जानकारी
हालांकि, नियमानुसार अधिकारियों के टुअर की फाइल पहले मुख्य सचिव को भेजी जानी चाहिए. यही नहीं इसको लेकर जून 2018 में भी राज्य सरकार की ओर से सभी विभागों के सचिवों, विभागाध्यक्षों और बोर्ड व निगमों के प्रमुख को निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन कई विभागाध्यक्ष, आईएएस अधिकारी और एचएएस और एचपीएस अधिकारी अपने विदेशी टुअर के लिए मुख्य सचिव से मंजूरी नहीं ले रहे हैं. इन विभागों से फाइलें सीधे संबंधित मंत्री या मुख्यमंत्री दफ्तर भेजी जा रही है.
हालात यह होती है कि अफसर टुअर पर होते हैं और मुख्य सचिव को इसकी जानकारी तक नहीं रहती, लेकिन अब सरकार ने साफ किया है कि अधिकारियों के विदेश जाने संबंधी फाइल पहले मुख्य सचिव कार्यालय को अनिवार्य तौर पर भेजनी होगी. मुख्य सचिव इन फाइलों को यहां से संबंधित मंत्रियों या मुख्यमंत्री के कार्यालय को भेजेंगे. उल्लेखनीय है कि आईएएस, एचएएस, एचपीएस और विभिन्न विभागाध्यक्ष विदेशों में स्टडी, ट्रेनिंग या अन्य सरकारी परियोजनाओं के सिलसिले में विदेश जाते हैं, लेकिन अभी तक इसमें नियमों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में सरकार ने अब इस बारे में साफ निर्देश जारी किए हैं.