शिमला: जयराम कैबिनेट का विस्तार कभी भी हो सकता है लेकिन मुख्यमंत्री को आलाकमान की हरी झंडी का इंतजार है. दरअसल किशन कपूर के सांसद बनने और अनिल शर्मा के मंत्रिमंडल से बाहर होने के बाद टीम जयराम में 2 पद खाली पड़े हैं. जिसपर दिल्ली से लेकर शिमला तक कई बार मंथन हो चुका है और उम्मीद है कि प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बाद जयराम मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो जाएगा. मुख्यमंत्री ने भी साफ किया कि अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व ही करेगा.
हालांकि इशारों-इशारों में ही सही सीएम ने साफ किया है कि मंडी जिले से कोई भी विधायक उनकी कैबिनेट में शामिल नहीं होगा. गौरतलब है कि बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में मंडी जिले की अहम भूमिका रही. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिले की 10 में से 9 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. बीजेपी के सीएम उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के बाद सराज से 5वीं बार विधायक बने जयराम ठाकुर के सिर सूबे के मुखिया का ताज सज गया.
कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का कमल थामने वाले अनिल शर्मा भी मंडी सदर से चुनाव जीते और उन्हें जयराम कैबिनेट में जगह दी गई लेकिन बीते साल हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बेटे आश्रय शर्मा को टिकट ना मिलने पर अनिल शर्मा के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम और आश्रय शर्मा ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया. जिसके बाद अनिल शर्मा लगातार अपनी ही पार्टी के निशाने पर रहे और आखिरकार उन्हें कैबिनेट मंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी.
अब कैबिनेट की दो कुर्सियां खाली हैं जिन्हें जल्द भरा जा सकता है, लेकिन मुख्यमंत्री का इशारा समझें तो मंडी जिले से किसी भी विधायक को मंत्री पद नहीं मिलने वाला. मंडी विधानसभा से अनिल शर्मा मंत्री बने थे बताया जाता है कि उनके बेटे के कांग्रेस से चुनाव लड़ने को लेकर अनिल शर्मा पर पार्टी का दबाव डाला और उसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया. अनिल शर्मा ने इसके बाद प्रदेश से लेकर भाजपा के आला नेताओं से इस संबंध में अपनी सफाई दी.