शिमला:हिमाचल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. प्रदेश में नए बने चार नए फोरलेन के किनारे दोनों तरफ सौ मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण नहीं किया जा सकेगा. इस पर सरकार ने बंदिश लगा दी है. कैबिनेट में इस मसले पर चर्चा हुई थी. उसके बाद राज्य सरकार के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के प्रधान सचिव आईएएस देवेश कुमार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. अधिसूचना के अनुसार लैंड यूज फ्रीज किया गया है. नियोजन क्षेत्र यानी प्लानिंग एरिया का गठन कर दिया गया है और साथ ही पांच साल के लिए लैंड यूज फ्रीज किया गया है.
राज्य सरकार के नगर नियोजन विभाग ने परवाणू-शिमला, किरतपुर-मनाली, शिमला-मटौर व पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे के लिए ये अधिसूचना जारी की है. परवाणू-शिमला हाईवे नंबर 05, किरतपुर-मनाली हाईवे नंबर 03, शिमला-मटौर हाइवे नंबर 88 व पठानकोट-मंडी हाईवे नंबर 154 है. जून महीने के आखिरी दिनों में ये अधिसूचना जारी की गई है. राज्य सरकार के नगर नियोजन विभाग ने इस संदर्भ में अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं. नेशनल हाईवे-5, नेशनल हाईवे-3, नेशनल हाईवे-88 व नेशनल हाईवे-154 में सडक़ के दोनों किनारों में सौ मीटर का क्षेत्र प्लानिंग एरिया में आएगा और वहां लैंड यूज फ्रीज होगा. यानी किसी तरह का निर्माण नहीं हो सकेगा.
हालांकि नोटिफिकेशन में ये साफ लिखा गया है कि उपरोक्त चार नेशनल हाईवे के दरम्यान जो क्षेत्र पहले से ही प्लानिंग एरिया अथवा स्पेशल एरिया में अधिसूचित यानी नोटिफाई थी, उसके स्टेट्स में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. चूंकि यह अधिसूचना 28 जून को जारी की गई, लिहाजा यह उसी दिन से लागू हो गई है. राज्य सरकार का मानना है कि इन फोरलेन हाईवे के किनारे सुरक्षित रखने जरूरी हैं. हाईवे की दोनों साइड की जमीन में कोई भी निर्माण कार्य नहीं होगा. कारण ये है कि निर्माण कार्य से हाईवे पर असर पड़ेगा. साथ ही दोनों किनारों की जमीन को संरक्षित करना जरूरी है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने आने वाले पांच साल के अंतराल के लिए प्लानिंग एरिया का गठन किया है और लैंड यूज फ्रीज किया गया है.