शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते हैं. पीएम मोदी का यही दूसरा घर इस समय भयावह आपदा से जूझ रहा है. दुख और पीड़ा में डूबे मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश को मिले जख्मों पर मरहम लगाने के लिए राज्य सरकार को पीएम नरेंद्र मोदी से आपदा राहत पैकेज के तौर पर 2 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि का इंतजार है. पीड़ा की इस घड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से सांत्वना का ट्वीट न आने से भी प्रदेश को हताशा हुई है. एक ही दिन में 54 मौतों ने हिमाचल को झकझोर कर रख दिया है. ऐसे में हिमाचल पीएम मोदी से उनके दूसरे घर की सुध लेने और मदद राशि जारी करने की आशा में है.
प्रदेश में जुलाई माह में तीन दिन तक बारिश ने प्रलय मचा दिया. सैंकड़ों करोड़ की सरकारी संपत्ति तबाह हुई. अब तक हादसे में तीन सौ से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. आपदा का जायजा लेने के लिए आई केंद्रीय टीम ने भी स्वीकार किया कि हिमाचल को भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार ने केंद्र से तुरंत सहायता के तौर पर 2 हजार करोड़ रुपए के पैकेज की मांग की थी. हिमाचल को अभी ये राशि केंद्र से नहीं मिली है.
इसी बीच, स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले हिमाचल को एक बार फिर प्रकृति के तांडव को झेलना पड़ा है. सोमवार के दिन विभिन्न हादसों में 54 लोगों की मौत हो गई. एक ही दिन में जगह-जगह से लोगों के काल कवलित होने के समाचार मिल रहे थे कि हिमाचल में पूरा दिन बदहवासी में गुजरा. पहले शिमला के समरहिल में, फिर सोलन के ममलीग में, मंडी जिला के द्रंग में, शिमला के फागली में और प्रदेश के अन्य हिस्सों से दुर्घटनाओं की खबरों ने प्रदेश को तोड़ कर रख दिया है. राज्य सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए. राजभवन ने एट होम कार्यक्रम रद्द किया. अब हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से मदद का इंतजार है.