शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज वित्त वर्ष 2023-24 का जो बजट पेश किया है उसमें आउटसोर्स पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया. कर्मचारियों को बजट में वेतन बढ़ोतरी का लॉलीपॉप थमाया गया है, इन कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन 10500 रुपए से 11250 रुपए जरूर किया गया, लेकिन इसके अलावा कोई बड़ा ऐलान इसमें नहीं हुआ है. हालांकि मुख्यमंत्री ने यह जरूर कहा कि इनके लिए सरकार नीति लाएगी, लेकिन बजट में कोई नीति नहीं लाई गई.
इसी तरह करुणामूलक आश्रितों की भर्ती को लेकर भी इसमें कोई ऐलान नहीं किया गया है. विभिन्न विभागों में तैनात आउटसोर्स कर्मचारी कोई पॉलिसी बनाने की आस लगाए हुए थे. हिमाचल में करीब तीस हजार कर्मचारी विभिन्न विभागों में आउटसोर्स पर हैं. इन कर्मचारियों के लिए कांग्रेस ने चुनाव से पहले पारदर्शी नीति बनाने की घोषणा की थी. ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी इस बजट में कोई न कोई पॉलिसी बनाए जाने की आस लगाए हुए थे.
पूर्व जयराम सरकार के समय में भी इन कर्मचारियों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई, हालांकि जयराम सरकार ने इनकी भर्तियां हिमाचल कौशल विकास निगम के माध्यम से करवाने की बात कही थी, लेकिन इस फैसले को लागू करने से पहले ही चुनावों का ऐलान हो चुका था. इसी तरह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्य कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों की नजर भी इस बजट पर थी. 20 से 22 सालों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवाएं दे रहे कर्मचारी भी कोई नीति लाने की उम्मीद लगाए हुए थे. लेकिन ऐसी कोई नीति इस बजट में उनके लिए नहीं आई.