शिमलाः सरकार अक्सर छात्रों को गुणात्मक शिक्षा के साथ साथ उन्हें मूलभूत सुविधाएं देने की बात करती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल ऐसे हैं जहां छात्रों को इन सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है. जिला शिमला की ठियोग तहसील की कंदरू पंचायत का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ इसका एक उदाहरण है. स्कूल में छात्रों के बैठने के लिए कमरे तक पर्याप्त नहीं है.
स्कूल प्रशासन को करनी पड़ रही मशक्कत
स्कूल में पहले शिक्षकों की भी कमी चल रही थी. आलम यह था कि यहां चार शिक्षक ही सेवांए दे रहे थे, जबकि जरूरत आठ शिक्षकों की थी. इससे छात्रों की भी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी. इस समस्या को लेकर कंदरू पंचायत के लोग सरकार के नुमाइंदों से कई बार मिले और प्रदर्शन भी किए. इसके बाद अब स्कूल में शिक्षकों की कमी तो पूरी हो गई है, लेकिन स्कूल के नए भवन और ग्राउंड को लेकर स्कूल प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ रही है.
अनुमति मिली, बजट नहीं
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल नागजुब्बड़ में छठी से 12वीं के छात्र पढ़ रहे हैं, लेकिन स्कूल मात्र छह कमरों के सहारे चल रहा है. इसके चलते छात्रों की कक्षाएं बाहर ही लगानी पड़ती हैं. कमरों की कमी को लेकर स्कूल प्रशासन की ओर से साल 2019 में शिक्षा विभाग को स्कूल के नए भवन को बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. इसके लिए विभाग की ओर से सेंक्शन दी गई, लेकिन नए भवन के कार्य के लिए बजट नहीं आया. इससे अब तक समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.