शिमला: कोरोना संकट के बीच भारत सरकार ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र, हिमाचल प्रदेश द्वारा तैयार किए गए साॅफ्टवेयर कोविड-19 सैंपल कलेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम को डिजिटल इण्डिया पुरस्कार-2020 के लिए चयनित किया है. इस साॅफ्टवेयर को यह पुरस्कार इनोवेशन इन पैंडेमिक श्रेणी में दिया जा रहा है.
कार्यक्रम के लिए नई दिल्ली में वर्चुअल समारोह
30 दिसम्बर, 2020 को नई दिल्ली में इसके लिए वर्चुअल समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद यह पुरस्कार प्रदान करेंगे. प्रदेश के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर साॅफ्टवेयर विकसित करने की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश को सौंपी गई थी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गतिशील नेतृत्व और मार्गदर्शन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और राज्य स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय सहभागिता से एनआईसी हिमाचल प्रदेश ने इस साॅफ्टवेयर को डिजाइन और विकसित किया.
अब तक लगभग 8 करोड़ से अधिक सैंपल इकट्ठे
उन्होंने कहा कि यह साॅफ्टवेयर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के लिए तैयार किया गया है. हिमाचल के वैज्ञानिकों ने एनआईसी की महानिदेशक डाॅ. नीता वर्मा के दिशा-निर्देशों के अनुसार लाॅकडाउन के दौरान इस वर्ष अप्रैल माह में प्रतिदिन लगभग 20 घण्टे कार्य करते हुए इसे तैयार किया. देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में इसका उपयोग एक लाख से अधिक सैंपल एकत्र करने वाले लोगों द्वारा किया जा रहा है. अब तक लगभग 8 करोड़ से अधिक सैंपल इकट्ठे किए गए हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि कोविड-19 वायरस से संबंधित रैपिड एन्टीजन टेस्ट, आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए किसी भी व्यक्ति का ब्यौरा इस साॅफ्टवेयर में अपडेट किया जाता है. इसके बाद उस व्यक्ति का टेस्ट लिया जाता है और टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी इस साॅफ्टवेयर में अपडेट की जाती है. उन्होंने कहा कि इस प्रणाली में एक वेब एप्लीकेशन और दो मोबाइल एप्लीकेशन शामिल हैं.
आरोग्य सेतु ऐप में भी डेटा का प्रयोग
उन्होंने कहा कि इस साॅफ्टवेयर के माध्यम से संक्रमित मरीजों से संबंधित जानकारी पोर्टल पर सभी जिला दण्डाधिकारी और स्वास्थ्य अधिकारियों को उपलब्ध है. इसके अतिरिक्त आरोग्य सेतु ऐप में भी इस डेटा का प्रयोग किया जाता है.
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