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दिसंबर 2023 में पूरा हो जाएगा चंबाघाट-कैथलीघाट फोरलेन का काम, एनएचएआई ने हाई कोर्ट में दिया भरोसा - चंबाघाट से लेकर कैथलीघाट फोरलेन

चंबाघाट से लेकर कैथलीघाट फोरलेन तक का काम अगले साल दिसंबर 2023 तक खत्म कर लिया जाएगा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हिमाचल हाई कोर्ट (Himachal High court) को इस बात का भरोसा दिया है. एनएचएआई का कहना है कि डंपिंग साइट उपलब्ध नहीं हो पाने के चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन दिसंबर 2023 तक काम पूरा कर लिया जाएगा.

चंबाघाट-कैथलीघाट फोरलेन
चंबाघाट-कैथलीघाट फोरलेन

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Published : Dec 29, 2022, 7:50 AM IST

शिमला: नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट (Himachal High court) में भरोसा दिलाया है कि चंबाघाट से लेकर कैथलीघाट फोरलेन (Himachal High court) तक का काम दिसंबर 2023 तक खत्म कर लिया जाएगा. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर ने बुधवार को हाई कोर्ट में न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ के समक्ष बताया कि अगले साल दिसंबर में काम पूरा हो जाएगा.

प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर ने अदालत में बताया कि राज्य सरकार की तरफ से एनएचएआई को डंपिंग साइट उपलब्ध नहीं करवाई गई है. इससे एनएचएआई को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रोजेक्ट डॉयरेक्टर ने अदालत से ये आग्रह किया कि इस बारे में राज्य सरकार को उचित निर्देश दिया जाए. इस पर हिमाचल हाई कोर्ट ने राज्य के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न को यह आदेश दिए कि वह अपने कार्यालय में सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक करें.

यही नहीं हाई कोर्ट ने इस बैठक में वन विभाग, जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों, प्रोजेक्ट डायरेक्टर नेशनल हाईवे अथॉरिटी सहित शिमला व सोलन के डीसी को शामिल करने के आदेश जारी किए हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि सभी संबंधित विभागों के साथ बैठक होने से इस प्रोजेक्ट से जुड़ी अन्य समस्याओं का निदान करने के लिए विचार विमर्श कर सार्थक हल निकाला जा सकेगा. साथ ही सडक़ निर्माण का कार्य जल्द से जल्द पूरा हो सके.

इसके बाद रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष दाखिल करने के आदेश जारी किए गए हैं. नेशनल हाईवे अथॉरिटी की ओर से हाई कोर्ट को यह बताया गया कि कंडाघाट स्थित ओवरब्रिज बनाने के लिए स्वीकृति को लेकर मामला वन विभाग को भेजा गया है मगर वन विभाग की ओर से कोई स्वीकृति नहीं मिली है. हिमाचल हाई कोर्ट ने इस कार्य के लिए वन विभाग को जल्द से जल्द स्वीकृति प्रदान करने के आदेश जारी किए हैं. अदालत ने अब इस मामले की सुनवाई अगले साल 11 जनवरी को तय की गई है.

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