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अगस्त 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगी नई ढली टनल, 55 करोड़ से होगा इस टू लेन सुरंग का निर्माण - भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

ऊपरी शिमला क्षेत्र, मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों को जोड़ने के कारण ढली सुरंग बहुत महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 55 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस टू लेन सुरंग का निर्माण किया जाएगा और अगले साल अगस्त माह तक इसका कार्य पूरा हो जाएगा.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (file)

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Published : Jun 19, 2021, 10:13 PM IST

शिमला: जिला शिमला में ढली सुरंग 175 वर्ष से अधिक पुरानी है और इसकी डिजाइन की अवधि समाप्त हो चुकी है. ऊपरी शिमला क्षेत्र, मंडी, कुल्लू और किन्नौर जिलों को जोड़ने के कारण यह सुरंग एक महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने इस सुरंग के साथ समानांतर सुरंग बनाने का निर्णय लिया है ताकि वाहनों का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित हो सके.

ढली सुरंग के समानांतर बनेगी एक और सुरंग

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 55 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इस टू लेन सुरंग का निर्माण किया जाएगा और अगले साल अगस्त माह तक इसका कार्य पूरा हो जाएगा. प्रदेश सचिवालय में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष शिमला बाईपास फोरलेनिंग परियोजना के अन्तर्गत कैथलीघाट से ढली सेक्शन में अलाइनमेंट और शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत ढली टनल के समानान्तर हाईवे टनल के निर्माण के लिए एक प्रेजेंटेशन दी गई.

लोगों को मिलेगी बेहतर संपर्क सुविधा

विभाग की प्रेजेंटेशन के अनुसार कैथलीघाट से ढली सेक्शन तक पांच सुरंगों के निर्माण की आवश्यकता है. इस फोरलेन परियोजना में भट्टाकुफर से ढली के लिए वर्तमान में प्रस्तावित ट्विन टनल/वायोडक्ट्स शहरी क्षेत्र को पूरी तरह बाईपास करेगी और इससे वन क्षेत्र और ढांचे कम से कम प्रभावित होंगे. सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि इस प्रस्तावित फोरलेन बाईपास से क्षेत्र के निवासियों की जिंदगी में नगण्य प्रभाव होना चाहिए. उन्होंने आशा व्यक्त की कि संजौली बाईपास और शहर की सड़कों से सम्पर्क के लिए प्रस्तावित ट्विन टनल से शिमला नगर के लोगों को बेहतर संपर्क सुविधा उपलब्ध होगी.

सीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने ढली जंक्शन और ढली बाईपास के सुधार कार्य की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सुरंगों के निर्माण से बड़ी मात्रा में मलबा निकलता है, इसलिए भूमि के बेहतर उपयोग के लिए डंपिंग स्थलों पर स्टेडियम जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जाना चाहिए. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इन परियोजनाओं को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए ताकि लोग शीघ्र इनसे लाभान्वित हो सकें. उन्होंने अधिकारियों को सभी हितधारकों विशेषकर प्रस्तावित सुरंग के ऊपर स्थित मकानों के मालिकों को विश्वास में लेने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि उनके साथ बैठक कर उन्हें आश्वस्त किया जाए कि इस परियोजना से उनकी संपत्ति को कोई नुकसान नहीं होगा.

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