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शिमला के रिज मैदान पर मनाई गई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती को देश में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया. राजधानी शिमला के रिज मैदान पर भी भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा जयंती मनाई गई. विभाग द्वारा नेता जी प्रतिमा लगाई गई थी जिस पर स्थानीय विधायक हरीश जनारथा समेत कई लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की. (Subhas Chandra Bose birth anniversary) (Subhas Chandra Bose jayanti) (Subhas Chandra Bose jayanti in shimla)

Subhas Chandra Bose birth anniversary
Subhas Chandra Bose birth anniversary

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Published : Jan 23, 2023, 7:28 PM IST

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती

शिमला: देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले और आजाद हिंद फौज के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर देशभर में उन्हें याद किया गया. इसी तरह शिमला के रिज मैदान पर भी भारत सरकार के भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा लगाए स्टैच्यू पर फूल अर्पित कर उन्हें याद किया गया. इस दौरान कांग्रेस के विधायक हरीश जानरथा और रवि ठाकुर सहित कांग्रेस के अन्य कार्यकर्ताओं ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया.

भारत सरकार के भाषा एवं संस्कृति विभाग के अधिकारी अनिक कश्यप ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती को आज देश पराक्रम दिवस के रूप में मना रहा है. पिछले 4 महीने से देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. रिज मैदान पर भी यहां पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का स्टैच्यू लगाया गया है, साथ ही देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले नेताजी के जीवन के बारे में लोगों को जानकारी दी गई.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर लगाया गया स्कैनर:नेताजी की प्रतिमा में एक स्कैनर भी लगाया गया है. इस पर लगे QR कोड को स्कैन करके टूरिस्ट सुभाष चंद्र बोस के जीवन के बारे में पढ़ सकते हैं. इसमें उनके निजी जीवन और देश के प्रति उनके योगदान दोनों के बारे में बताया गया है. वहीं, रिज मैदान पर लगाई गई इस प्रतिमा के साथ लोग तस्वीरें भी खिंचवा रहे हैं.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती

नेताजी युवाओं के लिए प्रेरणा:नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल हैं जो युवाओं को प्रेरित करते हैं. उनके विचार और उनका कठोर त्याग आज के सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक है. देश के लिए दी गई उनकी कुर्बानी को कोई नहीं भूला सकता.

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