शिमला: नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि बड़े राज्यों की श्रेणी में हिमाचल देश भर में नौवें नंबर पर है. वहीं, बड़े राज्यों में साक्षरता दर के मामले में भी हिमाचल का नंबर केरल के बाद दूसरा है. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर हिमाचल गर्व के साथ ये कह सकता है कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यहां की बेटियां लड़कों से आगे हैं.
अपने गठन और पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद से ही हिमाचल ने शिक्षा में सफलता के आसमान चूमने शुरू कर दिए थे. अब नए दौर में बेटियों की पढऩे की ललक उन्हें आगे से आगे ले जा रही है. हिमाचल प्रदेश में बेटियों ने आगे बढ़ने की सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाया है. इस समय प्रदेश में कॉलेज गोइंग लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है.
सरकार ने लड़कियों को ने दी है सहूलियतें
प्रदेश में सरकार ने बेटियों की शिक्षा के लिए कई सहूलियतें दी हैं. यही कारण है कि लड़कियां उच्च शिक्षा के लिए आगे आई हैं. पिछले तीन साल के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो इस दौरान लड़कों की बजाय लड़कियों ने कॉलेज में शिक्षा के लिए अधिक उपस्थिति दर्ज करवाई.
वर्ष 2012-2013 में कॉलेज में लड़कियों के दाखिले का आंकड़ा 43 हजार, 683 रहा, जबकि लड़कों ने इसी अवधि में 24 हजार 385 की संख्या में दाखिला लिया. इसी तरह वर्ष 2013-2014 में 20 हजार 932 लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या 43 हजार, 806 रही. यही स्थिति अगले शैक्षणिक सत्र में रही. वर्ष 2014-2015 में 46 हजार, 023 लड़कियों ने कॉलेज में प्रवेश लिया. वहीं, इस अवधि में कॉलेज पहुंचने वाले लड़कों की संख्या 42 हजार, 220 रही.