हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

National Doctors Day: मन लगाकर काम करता है दिल का ये डॉक्टर, दिल के रोगियों के लिए उम्मीद की किरण हैं डॉ. राजीव मारवाह - Treatment of patients in IGMC Shimla

डॉक्टरों को धरती का भगवान माना जाता है. आईजीएमसी शिमला के डॉ. राजीव मारवाह भी मरीजों के लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं. उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता मरीज का इलाज है. इसके लिए वे दिन-रात तत्पर रहते हैं. डॉक्टर्स डे पर जानिए डॉ. राजीव की कहानी...

Dr. Rajeev Marwah
डॉ. राजीव मारवाह

By

Published : Jul 1, 2023, 9:33 AM IST

Updated : Jul 1, 2023, 1:00 PM IST

रोगियों की उम्मीद डॉ. राजीव मारवाह‍!

शिमला: चिकित्सक को धरती पर भगवान का रूप माना जाता है. मन लगाकर काम करने वाले डॉक्टर सांसों की टूटती डोर को थाम कर अपने ज्ञान से मरीजों की जान बचाते हैं. ऐसे ही एक डॉक्टर हैं, आईजीएमसी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव मारवाह. मन लगाकर काम करने वाले दिल के इस डॉक्टर पर मरीजों का खूब भरोसा है. डॉ. राजीव इस भरोसे को कैसे कायम रखते हैं, इसका उदाहरण आगे की पंक्तियों में दर्ज है.

पकड़ में नहीं आ रही थी बीमारी: जून के पहले हफ्ते में आईजीएमसी अस्पताल में एक मरीज आया. बिलासपुर से आए इस मरीज का पेट फूल रहा था. विभिन्न विभागों में जांच के बाद कारण का पता नहीं चल रहा था. केस डॉ. राजीव मारवाह के पास आया तो, उन्होंने गहन पड़ताल की. डॉ. मारवाह ने पाया कि मरीज के एब्डोमेन में पानी भर गया है और ऐसा एक नस के दबने के कारण हुआ है. अब उस नस को खोलना था. ऐसा केस अभी तक अस्पताल में किसी ने हैंडल नहीं किया था.

मरीज का रिपोर्ट देखते हुए डॉ. राजीव मारवाह

चिवार टेक्निक से किया इलाज: डॉ. राजीव ने ये चुनौती स्वीकार की और तीन स्टंट डालकर नस को खोला. ऑपरेशन की ये चिवार टेक्निक कही जाती है. ऑपरेशन के दौरान कई परेशानियां आई. एक बार तो जरूरी मशीन खराब हो गई. उसका भी विकल्प डॉ. राजीव ने निकाल लिया. अब मरीज स्वस्थ है और बिलासपुर के घुमारवीं में घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहा है. इलाज में छह लाख रुपए से अधिक की रकम लगी. पांच लाख रुपए हिमकेयर योजना से जारी हो गए थे. डॉ. राजीव मारवाह ने बताया कि इस तकनीक से आईजीएमसी अस्पताल में ये पहला केस ऑपरेट किया गया था. डॉ. राजीव की चिकित्सीय पारी में ऐसे कई सफल केसिज का रिकार्ड है.

इलाज के बाद मरीज स्वस्थ: ईटीवी ने घुमारवीं में स्वास्थ्य लाभ ले रहे मरीज से भी बात की. यहां निजी कारणों से मरीज का नाम नहीं दिया जा रहा. उसने बताया कि लगातार पेट फूलने से उसका जीवन दूभर हो गया था. किसी भी डॉक्टर को मर्ज पकड़ में नहीं आ रहा था. आईजीएमसी अस्पताल में भी कई दौर की जांच के बाद जब कुछ कारण पता नहीं चला तो डॉ. राजीव ने ही केस को समझ कर रिस्क लेकर उसे जीवनदान दिया है.

रोगियों के लिए उम्मीद की किरण डॉ. राजीव मारवाह

पिता से मिली डॉ. राजीव को प्रेरणा: दरअसल, डॉक्टर्स डे ऐसे ही चिकित्सकों के कारण अपनी गरिमा को बढ़ता हुआ देखता है. डॉ. राजीव मारवाह के पास साधनहीन मरीजों के कई प्रेरक किस्से हैं. कई बार ऐसा भी हुआ है कि उन्हें देर रात घर से आकर इमरजेंसी में मरीजों को ऑपरेट करना पड़ा है. डॉ. मारवाह के पिता भी माने हुए सर्जन थे. वे आईजीएमसी अस्पताल के सर्जरी विभाग के हेड रहे हैं. उन्हीं की प्रेरणा से डॉ. राजीव ने चिकित्सक का पेशा अपनाया.

नई पीढ़ी के डॉक्टरों को संदेश: डॉ. राजीव का कहना है कि एक डॉक्टर के लिए मरीज ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है. डॉ. मारवाह देश भर में विभिन्न कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने जाते रहते हैं. ओपीडी व आईपीडी के अलावा इमरजेंसी में वे रोजाना डेढ़ सौ से दो सौ मरीजों का चेकअप करते हैं. डॉ. मारवाह का कहना है कि एक चिकित्सक यदि प्रेम से मरीज के साथ व्यवहार करे और उसकी बीमारी के बारे में संवेदनशीलता से पूछताछ करे तो आधी बीमारी यूं ही भाग जाती है. वे नई पीढ़ी के डॉक्टर्स को मरीजों के साथ प्रेम से व्यवहार करने का संदेश देते हैं.

दिल को रखना है स्वस्थ तो न खाएं जंक फूड:डॉ. मारवाह कहते हैं कि वो मरीजों को इलाज के साथ-साथ एहतियात की सलाह देते हैं. दिल के रोग बढ़ रहे हैं और इसका कारण मार्डन लाइफ स्टाइल है. जंक फूड को न कहें और मार्निंग तथा इवनिंग वॉक को कभी न छोड़ें. नशे से दूर रहने में ही भलाई है. शराब व स्मोकिंग के कारण भी स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियां आती हैं.

ये भी पढ़ें:बड़े नाम और बड़े काम के हैं छोटे राज्य हिमाचल के ये डॉक्टर्स, देश भर में चमकाया आईजीएमसी शिमला का नाम

Last Updated : Jul 1, 2023, 1:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details