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'30 साल से नाथपा झाकड़ी विस्थापित कल्याण समिति की हो रही अनदेखी, 16 पंचायतों के लोगों में भारी रोष'

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Published : Aug 30, 2021, 5:52 PM IST

रामपुर में नाथपा झाकड़ी विस्थापित कल्याण समिति ने पत्रकारवार्ता की. जानकारी देते हुए विस्थापित कल्याण समिति के अध्यक्ष भगत राम भारती ने बताया कि वह 1991 से लगातार वह अपने हक की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक सरकार और परियोजना द्वारा अनदेखा किया जा रहा है.

नाथपा झाकड़ी विस्थापित कल्याण समिति
नाथपा झाकड़ी विस्थापित कल्याण समिति

रामपुर बुशहर: नाथपा झाकड़ी विस्थापित कल्याण समिति ने रामपुर बुशहर में पत्रकारवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि समिति बीते 30 सालों से अपने हक की लड़ाई लड़ती आ रही है, लेकिन सरकार इनकी एक भी नहीं सुन रही है. अभी तक इनकी जो भी मांगें हैं उन पर कोई गौर नहीं किया गया है. जानकारी देते हुए विस्थापित कल्याण समिति के अध्यक्ष भगत राम भारती ने बताया कि वह 1991 से लगातार वह अपने हक की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक सरकार और परियोजना द्वारा अनदेखा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब जनता जाग चुकी है, अपने हक की लड़ाई कोर्ट के माध्यम से भी लड़ सकती है. अगर समय रहते सरकारें सहयोग नहीं करती हैं तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.

भगत राम भारती ने बताया कि उनकी मांग है कि भाजपा सरकार हिमाचल प्रदेश आचार संहिता से पहले नाथपा झाकड़ी विस्थापित कल्याण समिति के 16 प्रभावित पंचायतों के साथ बैठक स्थापित करे. अगर ऐसा नहीं हुआ तो 16 प्रभावित पंचायतों के लोग चुनाव का बहिष्कार भी कर सकते हैं और आगामी रणनीति भी तैयार की जाएगी. भगत राम भारती ने बताया कि हिमाचल सरकार लगातार उनकी अनदेखी कर रही है जिसके चलते उन्होंने अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस बारे में अवगत करवाया है.

भगत राम भारती ने बताया कि 2017 के बाद अभी तक कोई भी बैठक विस्थापितों के साथ आयोजित नहीं की गई है. इसे लेकर 16 पंचायतों के लोगों में भारी रोष है. उन्होंने बताया कि 2017 में बैठक का आयोजन किया गया था जिसके बाद आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही आगामी बैठक की जाएगी, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद आज तक कोई बैठक नहीं की गई है. उन्होंने मांग की है कि अब जल्द से जल्द राज्य स्तरीय राहत एवं पुनर्वास सलाहकार समिति की बैठक बुलाई जाए. उन्होंने बताया कि बार-बार उन्हें बैठक बुलाने की तिथि दी जाती है, लेकिन समय आने पर बैठक को टाला जा रहा है.

भगत राम भारती ने बताया कि उनकी जो मुख्य मांगें हैं उनमें परियोजना के कुल उत्पादन का 1 प्रतिशत नाथपा झाकड़ी परियोजना से विस्थापित एवं प्रभावित पंचायतों के सभी परिवारों को दिया जाए. प्रभावित परिवार के एक व्यक्ति को उसकी योग्यता के अनुसार स्थाई रोजगार दिया जाए. जिन भूमिहीन परिवारों को प्लॉट आवंटित किए गए हैं उनका मालिकाना हक दिया जाए. जिन परिवारों के पुश्तैनी मकान अधिग्रहण किए गए उन परिवारों को मकान बनाने के लिए व्यापारियों की तर्ज पर प्लॉट प्रदान किए जाएं. जिन 55 विस्थापित परिवारों को राहत राशि दी गई थी, उनको भी 1991 की बैठक के फैसले अनुसार रोजगार प्रदान किया जाए.

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