शिमला: राजनीति में निष्ठाएं इस तरह से नेताओं के मन में बस जाती है कि सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी उनके अवचेतन मन से अपने करीबी नेता ही नाम निकलता है. ऐसा ही कुछ उस समय हुआ जब भाजपा के वरिष्ठ नेता नरेंद्र बरागटा के मुंह से प्रेम कुमार धूमल का नाम मुख्यमंत्री के तौर पर निकल गया. हालांकि उन्होंने तुरंत भूल सुधार भी ली.
बरागटा की जुबान उस समय फिसली जब कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के नावर टिक्कर को तहसील बनाये जाने की घोषणा के बाद प्रतिनिधिमंडल सीएम जयराम का आभार व्यक्त करने पहुंचा था.
मंच से फिसली नरेंद्र बरागटा की जुबान आपको बता दें कि नरेंद्र बरागटा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के करीबी रहे हैं और एक जमाने में उन्हें धूमल का हनुमान भी कहा जाता था. बरागटा धूमल सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे हैं. हालांकि पिछली बार बरागटा चुनाव हार गए थे. विधानसभा चुनाव 2017 में बरागटा ने जीत दर्ज की थी.
नरेंद्र बरागटा प्रदेश मंत्रीमंडल में जगह के इच्छावान थे, लेकिन उन्हें मंत्रीपद नहीं मिला. काफी समय बाद उन्हें विधानसभा चीफ व्हिप बनाया गया, जिसका दर्जा मंत्रीपद के बराबर है. हालांकि अब सत्ता परिवर्तन के बाद बरागटा ने जयराम ठाकुर से करीबियां बढ़ा ली है.
कार्यक्रम के दौरान नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जयराम सरकार ने हमारी सभी मांगों को पूरा किया है. इसलिए सरकार के साथ मजबूती से खड़े रहना हमारा दायित्व है.
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