शिमला: हिमाचल पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी एसआर मरडी इसी महीने रिटायर हो रहे हैं. इसी के साथ पुलिस के नए बॉस के लिए दौड़ तेज हो गई है. हॉट सीट के लिए चार सीनियर आईपीएस अफसरों के नाम चर्चा में हैं.
राज्य सरकार कोविड-19 के इस संकट काल में किसी भी विवाद में नहीं पड़ना चाहेगी. लिहाजा किसी ऐसे नाम पर सहमति बनाई जाएगी, जिस से किसी को अंगुली उठाने का मौका न मिले. डीजीपी की पोस्ट के लिए संजय कुंडू के नाम की जोरदार चर्चा है, लेकिन वो सरकार में अहम रोल निभा रहे हैं. साथ ही खुद इस पोस्ट के लिए अधिक दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.
बता दें कि संजय कुंडू इस समय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरफ से स्थापित क्वालिटी कंट्रोल स्क्वॉयड का जिम्मा संभाल रहे हैं. साथ ही सीएम के प्रधान सचिव भी हैं. वे बेशक आईपीएस अधिकारी हैं, लेकिन सीएम जयराम ठाकुर की पसंद होने के कारण वे सरकार में प्रशासनिक स्तर पर भी अहम भूमिका में हैं.
संजय कुंडू के अलावा डीजी जेल सोमेश गोयल व केंद्र में प्रतिनियुक्ति में काम कर रहे तपन कुमार डेका और एसआर ओझा का नाम शामिल है. इसी महीने की 22 मई को केंद्रीय स्तर पर बैठक होगी और डीजीपी के नाम पर चर्चा होगी. राज्य सरकार ने पैनल भेज दिया है. यूपीएससी पैनल में भेजे गए नामों पर चर्चा करेगी.
उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में संजय कुंडू 1989 बैच के आईपीएस अफसर हैं. सोमेश गोयल सीनियोरिटी में सबसे आगे हैं. गोयल 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. सोमेश गोयल पहले भी डीजीपी रहे हैं. कोटखाई में छात्रा से दुष्कर्म व हत्या के मामले से निपटने के तरीके ने उनकी छवि पर दाग लगाया था. बाद में सरकार ने उन्हें हटाकर सीताराम मरडी को डीजीपी बनाया था.
ये बात अलग है कि सोमेश गोयल प्रभावशाली अधिकारी हैं और केंद्र में भी उनका रसूख है. अलबत्ता राज्य की पुलिस का मुखिया कौन हो, ये सरकार की ही पसंद की बात है. संजय कुंडू काबिल अधिकारी हैं. जयराम सरकार उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से राज्य में लाई थी. उन्हें सीएम कार्यालय में अहम जिम्मेदारी दी गई.
सोमेश गोयल की बात करें तो सरकार उन्हें फिर से डीजीपी की कुर्सी देने से हिचक सकती है. उधर, तपन कुमार डेका केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से हिमाचल आने के अधिक इच्छुक नहीं लग रहे हैं. यही हाल एसआर ओझा का है. ऐसे में डीजीपी की कुर्सी पर दो ही नाम विचार में रह जाते हैं. सीएम जयराम ठाकुर संजय कुंडू के नाम पर सहमत हो सकते हैं. केंद्र में सोमेश गोयल के रसूख की चली तो वे डीजीपी की पोस्ट से रिटायर होने का सपना पूरा कर सकते हैं.
हालांकि, इस समय भी उनका रैंक डीजी यानी डायरेक्टर जनरल का ही है, लेकिन साथ में जेल शब्द जुड़ा है. सोमेश गोयल की नाम पट्टिका के आगे डीजी (जेल) लिखा होता है. ये बात भी सही है कि जेल विभाग के मुखिया रहते हुए सोमेश गोयल ने कई बेहतरीन काम किए हैं. खासकर कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के मामले में उन्होंने प्रयास किए. जेल के कैदी कई तरह के उत्पाद तैयार करते हैं. ये प्रोत्साहन सोमेश गोयल के समय में भी कैदियों को मिला है.
फिर, आइपीएस अफसरों की वरिष्ठता सूची में भी सोमेश गोयल सबसे ऊपर है. तपन डेका 1988 व एसआर ओझा 1989 बैच के अधिकारी है. डेका इस समय एडीजी एसबी के पद पर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और ओझा बीएसएफ के आईजी हैं. फिलहाल, संजय कुंडू व सोमेश गोयल के नाम अधिक चर्चा में हैं.
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