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स्कूलों में शिक्षा का हाल, 'शिक्षक नहीं दे सकते तो इन्हें बंद कर दो सरकार'

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Published : Feb 29, 2020, 8:54 AM IST

प्रदेश में शिक्षा के मॉडल को भले ही प्रदेश के शिक्षा मंत्री दिल्ली से बेहतर बता रहे है,लेकिन हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है.प्रदेश में स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था का यह हाल है कि जिला शिमला के चौपाल स्थित राजकीय उच्च स्कूल नागन मात्र एक एसएमसी शिक्षक के सहारे चल रहा है.

Nagan school of district Shimla for years with the help of an SMC teacher
स्कूलों में शिक्षा का हाल

शिमला: प्रदेश में शिक्षा के मॉडल को भले ही प्रदेश के शिक्षा मंत्री दिल्ली से बेहतर बता रहे हैं, लेकिन हकीकत कुछ ओर ही बयां कर रही है. प्रदेश में स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था का यह हाल है कि जिला शिमला के चौपाल स्थित राजकीय उच्च स्कूल नागन मात्र एक एसएमसी शिक्षक के सहारे चल रहा है. यही वजह भी है कि इस स्कूल में जहां छात्रों की संख्या 76 थी वह आज घटकर 32 पर आ चुकी है.

स्कूल में शिक्षक ना होने की वजह से छात्र यहां से दूसरे स्कूल में जा रहे हैं. जिससे कि उनकी पढ़ाई सही तरीके से चल सके. ऐसा नहीं है कि यहां के प्रतिनिधियों ने शिक्षा विभाग को शिक्षकों की कमी से अवगत नहीं करवाया है. बावजूद इसके भी स्कूल को शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं ओर कोई शिक्षक यहां सेवाएं देने को तैयार नहीं है.

अब हालात यह है कि यह स्कूल जिस पंचायत में है वहां के प्रधान अब इस स्कूल को बंद करने की मांग ही शिक्षा विभाग से कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर विभाग स्कूल को शिक्षक नहीं दे सकते हैं तो इस स्कूल को बंद कर दिया जाए. स्कूल को शिक्षक देने की मांग को लेकर ग्राम पंचायत प्रधान संदीप ठाकुर पहले ही 12 बार प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से मुलाकाात कर चुके हैं और अब एक बार फिर से इसी मांग को लेकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशक से मिलने पहुंचे थे. जहां फिर उन्हें आश्वासन ही मिला है कि स्कूल में शिक्षक की तैनाती कर दी जाएगी.

उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में नागन स्कूल को उच्च स्कूल का दर्जा दिया गया था, लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण लगभग तीन वर्षों बाद भी यहां दसवीं की कक्षा नहीं बैठ पाई है. दसवीं की बोर्ड कक्षा के लिए स्कूल में फिजिक्स,मैथ, विज्ञान जैसे विषय के शिक्षक चाहिए जो यहां है ही नहीं.

उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति स्कूल में की जाती है, लेकिन शिक्षक यहां आते ही नहीं है. यहां सेवा देने वाले शिक्षक कुछ ही दिनों में स्कूल को छोड़ कर चले जाते हैं. एक शास्त्री शिक्षक की नियुक्ति स्कूल में विभाग की ओर से की गई है, लेकिन छात्रों को अन्य विषय नहीं पढ़ा पाते हैं जिसकी वजह से छात्र स्कूल छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. हालांकि उन्होंने स्कूल के समस्या को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की है, लेकिन वहां पर भी कोई समाधान उन्हें नहीं मिल रहा है.

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मामले को संबंधित विभाग को भेज दिया गया है. यही जवाब हेल्पलाइन के माध्यम से भी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग कहता है कि उनकी जिम्मेदारी शिक्षकों की नियुक्ति करना है जिसे वह पूरा कर रहे हैं, लेकिन अब शिक्षक सरकार के स्तर पर अपनी एडजेस्टमेंट करवा रहे हैं तो उसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता है. वहीं ,मामले में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने रोहित जम्वाल ने उन्हें आश्वस्त किया है कि स्कूल में शिक्षक की नियुक्ति उनके विभाग की ओर से कर दी जाएगी.

वहीं, पंचायत प्रधान संदीप ठाकुर इस बात पर अड़े हुए हैं की अगर स्कूल को शिक्षक नहीं मिलता तो वह लिखकर देने के लिए तैयार है और विभाग की ओर से स्कूल पर ताला जड़ दिया जाए. जिस तरह से वह 100 किलोमीटर दूर जाकर शिक्षित हुए हैं .उसी तरह से वह अपने पंचायत के दूसरे बच्चों को भी शिक्षा लेने के लिए इतनी दूर भेजेंगे जो विभाग और सरकार चाह रही है.


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