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OPS को लेकर नगर निगम के कर्मचारियों ने भी खोला मोर्चा, आयुक्त कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

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Published : Jun 2, 2023, 7:07 PM IST

आज शुक्रवार को OPS बहाली को लेकर नगर निगम के कर्मचारियों ने नगर निगम कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि सभी बोर्डों, निगमों के कर्मियों को OPS बहाली की नोटिफिकेशन कर दी है, लेकिन निगम प्रशासन ज्ञापन देने के बाद भी आनाकानी कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

Municipal Corporation employees Protest in Shimla
OPS को लेकर नगर निगम के कर्मचारियों ने भी खोला मोर्चा

नगर निगम संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष आशा राम

शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्रदेश सरकार ने प्रदेश के कर्मचारियों को OPS बहाल कर दी है. सरकार ने अधिसूचना जारी कर प्रदेश के सरकारी सहित बोर्डों, निगमों के लगभग 1 लाख 36 हजार कर्मियों को OPS का लाभ देने का दावा किया है, लेकिन प्रदेश में OPS बहाल करना सरकार व प्रशासन को टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. सरकार ने तो OPS बहाली की अधिसूचना कर दी है, लेकिन बोर्डों, निगमों में यह बड़ी चुनौती बनी हुई है. बीते दिनों बिजली बोर्ड के कर्मियों ने OPS के लिए बोर्ड कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. उसके बाद विभाग हरकत में आया और अब नगर निगम के कर्मचारियों ने भी OPS के लिए मोर्चा खोल दिया है.

शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के नगर निगम के कर्मचारियों ने OPS के लिए नगर निगम कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और कहा कि सरकार ने प्रदेश के सभी बोर्डों, निगमों के कर्मियों को OPS बहाली की नोटिफिकेशन कर दी है, लेकिन निगम प्रशासन ज्ञापन देने के बाद भी आनाकानी कर रहा है. उन्होंने बताया कि प्रशासन ने कर्मचारियों का कटने वाला ईपीएफ काटना भी पिछले महीने बंद कर दिया. जिसके बाद कर्मचारियों को लग रहा रहा था कि अब कर्मचारियों को जीपीएफ खाते अलॉट हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.

OPS को लेकर नगर निगम के कर्मचारियों ने भी खोला मोर्चा

नगर निगम संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष आशा राम ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पेंशन बहाली के ऑर्डर्स के बावजूद नगर निगम कर्मियों की पेंशन बहाल नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि डेढ़ माह से नगर निगम प्रशासन के समक्ष स यह मुद्दा उठा रहे हैं, बावजूद इसके कोई हल नहीं निकला है. नगर निगम आयुक्त और महापौर से भी वार्ता की गई, लेकिन आयुक्त महोदय का कहना था कि सरकार के पास क्लेरिफिकेशन के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि जब सरकार ने साफ तौर पर आर्डर कर दिए हैं तो इसमें किसी भी प्रकार के क्लेरिफिकेशन की आवश्यकता नहीं है. यहां तक कि 20 दिन पहले निगम प्रशासन ने ईपीएफ भी काटना बंद कर दिया.

आशा राम ने कहा कि ना ही कर्मियों को जीपीएफ नंबर दिया गया और अगर निगम प्रशासन ने क्लेरिफिकेशन लेनी थी तो सीपीएफ बन्द करने से पहले लेनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि ना ही कर्मचारियों को जीपीएफ नंबर दिया जा रहा है, जबकि एसओपी में साफ है 60 दिन के भीतर कर्मचारी को दस्तावेज देने हैं. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द जीपीएफ नंबर अलॉट किया जाए. उन्होंने कहा कि आयुक्त महोदय ने वार्ता के लिए बुलाया है आगामी रणनीति उसके बाद तय की जाएगी.

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