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हाइकोर्ट की सख्ती के बाद जागी सरकार, प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में मिलेगी MRI की सुविधा

हाईकोर्ट की सख्ती के बाद प्रदेश सरकार जाग गई है. अब दूर दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को एमआरआई करवाने के लिए आइजीएमसी या टांडा में लंबी डेट का इंतजार नही करना पड़ेगा. सरकार सभी छह मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को एमआरआई और सीटी स्कैन की सुविधा मिलेगी. अभी यह सेवाएं इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज (टांडा) में है.

MRI will be done in all medical colleges
हाइकोर्ट की सख्ती के बाद जागी सरकार. प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में होगी MRI

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Published : Jan 4, 2020, 12:15 PM IST

शिमला: हाइकोर्ट की सख्ती के बाद अब प्रदेश सरकार ने हिमाचल के सभी छह मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें लगाने का फैसला लिया है. इन कॉलेजों में सरकार या तो पीपीपी मोड या फिर खुद अपने स्तर पर मशीनें स्थापित करेगी.

अभी यह सेवाएं इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज (टांडा) में उपलब्ध हैं. अब नाहन, मंडी, चंबा और हमीरपुर कॉलेज में भी मरीजों को यह सुविधा मिलेगी इससे आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज में मरीजों का भार कम होगा और मरीजों को लंबी डेड नहीं मिलेगी.

वीडियो रिपोर्ट

अब स्वास्थ मंत्री विपिन परमार का कहना है कि हिमाचल के सभी छह मेडिकल कॉलेजों में एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें लगाई जाएंगी. विपिन परमार ने कहा कि एमआरआई और सीटी स्कैन हादसे या अन्य गंभीर रोग से ग्रस्त मरीजों का करवाया जाता है. रोगियों की बढ़ती संख्या के चलते दोनों मेडिकल कॉलेजों में दोनों मशीनों पर भार बढ़ रहा है. मरीजों को दो-दो महीने की तारीखें दी जा रही हैं.

सभी मेडिकल कॉलेजों में यह सुविधा होने से मरीज नजदीकी कॉलेज में यह सुविधा का लाभ ले सकेंगे .स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने बताया अगर पीपीपी मोड पर मशीनें लगाई जाती हैं,तो सरकार स्वयं एमआरआई और सीटी स्कैन कराने का रेट निर्धारित करेगी. अस्पतालों में भले ही टेस्ट लैब खोली गई हैं, लेकिन टेस्ट के रेट सरकार ने निर्धारित किये गए है.

मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने न्यायालय द्वारा इसका संज्ञान लिया था. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में एमआरआई की मशीन कार्य करने की स्थिति में नहीं है, जिसे की बार बार मरम्मत की आवश्यकता पड़ती रहती है. इस कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

उन्हें मजबूरन चंडीगढ़ के पीजीआई में एमआरआई संबंधी टेस्ट करवाने के लिए जाना पड़ता है. प्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने पिछले आदेशों में राज्य सरकार को यह आदेश जारी किए थे कि वह न्यायालय को बताएं कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और पूरे प्रदेश में कितनी एमआरआई मशीनें उपलब्ध हैं. क्या एमआरआई मशीनें गतिशील स्थिति में है और उससे मरीजों को फायदा पहुंच रहा है या नहीं. न्यायालय को यह भी बताने को कहा था कि कितने ऐसे मरीज है जो कि एमआरआई टेस्ट करवाने के लिए वेटिंग लाइन में है.

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